Bulldozer justice

  • देर से दुरुस्त फैसला

    सुप्रीम कोर्ट ने उचित व्यवस्था दी है कि भले ही कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए दंडित हो चुका हो, लेकिन उसकी वैध संपत्ति को नहीं तोड़ा जा सकता। अवैध संपत्तियों के मामले में भी तय प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार 'बुल्डोजर न्याय' पर दुरुस्त फैसला दिया है। यह निर्णय भारत के संवैधानिक भावना एवं प्रावधानों के अनुरूप है। अच्छी बात यह है कि कोर्ट ने ऐसी कार्रवाइयों पर जवाबदेह किसे माना जाएगा, यह भी स्पष्ट किया है। इसके बावजूद यह कहा जाएगा कि ये निर्णय देने में अदालत ने देर की, जिस कारण सैकड़ों लोग...

  • बुलडोजर ‘न्याय’ क्या रूकेगा?

    यह लाख टके का सवाल है कि क्या सुप्रीम कोर्ट की ओर से बुलडोजर ‘न्याय’ पर रोक लगाने का फैसला सुनाने के बाद अब राज्यों की सरकारें किसी भी आरोपी या अपराधी के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल रोक देंगी? क्या अब आरोपियों की संपत्ति मनमाने तरीके से नहीं तोड़ी जाएगी? क्या बुलडोजर की कार्रवाई में प्रशासनिक स्तर पर धर्म और जाति के आधार पर होने वाला भेदभाव रूक जाएगा? ये सारे सवाल इसलिए है क्योंकि पिछले दो साल से अदालत में इस मसले पर सुनवाई चल रही थी और लगभग हर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणियों में इस...