विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने भले ही आज तक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ट्रॉफी अपने नाम न की हो, लेकिन मौजूदा सीजन में जिस तरह से यह टीम अपने प्रदर्शन से सबको चौंका रही है, उसने एक बार फिर उम्मीदों को पंख दे दिए हैं।
24 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए मुकाबले में विराट कोहली की RCB ने 11 रन से जीत दर्ज कर न केवल टूर्नामेंट में अपनी छठी जीत हासिल की, बल्कि पॉइंट्स टेबल में तीसरे स्थान पर छलांग लगाकर अपना दम भी दिखा दिया।
हालांकि यह जीत सिर्फ अंक तालिका में ऊपर पहुंचने का ही संकेत नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक भावनात्मक और ऐतिहासिक मायने भी छिपे थे। यह वही मुकाबला था, जिसमें RCB ने 14 साल पुराने सूखे को खत्म किया
बेंगलुरु में राजस्थान रॉयल्स को हराने का सपना, जो सालों से अधूरा था। यह जीत जैसे RCB के लिए वनवास समाप्त होने की घोषणा थी। इस मैदान पर, जहां कभी हार उनके कदमों की परछाई बन चुकी थी, वहीं अब जीत की गूंज सुनाई दी।
इस यादगार लम्हे को और भी खास बनाया उस टीम स्पिरिट ने, जिसके सहारे RCB ने इस मुकाबले में ना सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि इस बार उनका इरादा सिर्फ अच्छा खेलने का नहीं, बल्कि ट्रॉफी जीतने का है।
विराट कोहली की परिपक्व कप्तानी, ग्लेन मैक्सवेल की आक्रामक बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ों की सटीक रणनीति ने इस मुकाबले को ऐतिहासिक बना दिया। हर खिलाड़ी जैसे एक लक्ष्य के लिए समर्पित नजर आया – IPL 2025 की ट्रॉफी।
विराट कोहली के फैंस, जो सालों से “ई साल कप नामदे” की उम्मीद लगाए बैठे हैं, अब पहले से कहीं ज़्यादा उत्साहित हैं। टीम की मौजूदा फॉर्म और आत्मविश्वास को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार RCB का ट्रॉफी जीतना सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक संभावित हकीकत बनता जा रहा है।
क्या आपको लगता है कि विराट कोहली की RCB इस बार इतिहास रच पाएगी?
24 अप्रैल 2025 की शाम की कहानी
आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (विराट कोहली) ने आखिरकार अपने होम ग्राउंड एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम पर जीत का स्वाद चखा और राजस्थान रॉयल्स को हराकर एक लंबे ‘वनवास’ का अंत किया।
ये जीत सिर्फ एक मुकाबला नहीं थी, बल्कि उम्मीदों, संघर्ष और आत्मविश्वास की वापसी की कहानी थी। लगातार तीन हार के बाद घरेलू मैदान पर पहली जीत ने टीम के जज़्बे को एक नई ऊर्जा दी है।
इस मुकाबले की अहमियत सिर्फ इसलिए नहीं थी कि यह इस सीजन की घरेलू पहली जीत थी, बल्कि इसलिए भी कि इसने एक इतिहास को दोहराया—एक ऐसा इतिहास जो पूरे 14 साल पहले, साल 2011 में रचा गया था।
उस समय RCB ने IPL में पहले बल्लेबाजी करते हुए 205 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था और फिर मैच भी जीत लिया था। और अब, 24 अप्रैल 2025 की शाम, उसी तरह की कहानी दोबारा लिखी गई।
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ RCB ने पहले बल्लेबाजी करते हुए एक बार फिर 205 रन बनाए और इस बार भी जीत उनके नाम रही। IPL इतिहास में RCB ने कुल 6 बार पहले बल्लेबाजी करके 205 या उससे ज़्यादा रन बनाए हैं, लेकिन उनमें से जीत सिर्फ दो बार ही मिल पाई है।
पहली जीत 2011 में पंजाब किंग्स के खिलाफ मिली थी, और दूसरी ऐतिहासिक जीत अब जाकर 2025 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आई है।
विराट कोहली RCB ने इतिहास दोहराया
इस जीत ने सिर्फ आंकड़ों को नहीं बदला, बल्कि फैन्स के दिलों में फिर से उम्मीद की लौ जलाई है। चिन्नास्वामी स्टेडियम की दीवारों ने लंबे समय बाद वो गर्जना सुनी, जब ‘E Sala Cup Namde’ की गूंज पूरे स्टेडियम में गूंज उठी। ये सिर्फ दो पॉइंट्स की बात नहीं, बल्कि उस आत्मा की वापसी थी जिसे RCB फैन्स हर साल IPL में ढूंढते हैं।
RCB ने ये जीत न सिर्फ अपने लिए, बल्कि उन करोड़ों फैन्स के लिए हासिल की जो हर हार के बाद भी टीम के साथ खड़े रहते हैं। 14 साल बाद दोहराई गई इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि इतिहास खुद को दोहराता है—अगर भरोसा कायम रहे और जज़्बा ज़िंदा रहे।
RCB के इस ऐतिहासिक पल ने IPL 2025 को एक नई दिशा दे दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये जीत उनके लिए एक नई शुरुआत बनती है या एक यादगार पड़ाव। क्या RCB इस लय को बरकरार रख पाएगी?
RCB ने राजस्थान को दी करारी शिकस्त
बेंगलुरु में खेले गए इस मुकाबले में RCB ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राजस्थान रॉयल्स को 11 रनों से हरा दिया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए RCB ने विराट कोहली और देवदत्त पडिक्कल की दमदार अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 205 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। जवाब में राजस्थान रॉयल्स की टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर केवल 194 रन ही बना सकी।
राजस्थान की ओर से यशस्वी जायसवाल ने सबसे ज़्यादा 49 रन बनाए, जबकि ध्रुव जुरेल ने 47 रनों की जुझारू पारी खेली। लेकिन टीम का कोई भी बल्लेबाज़ अर्धशतक नहीं बना सका, जिससे जीत की उम्मीदें अधूरी रह गईं।
RCB ने इस जीत के साथ 9 मैचों में 6वीं बार जीत दर्ज की है और प्लेऑफ की दौड़ में अपनी स्थिति मजबूत की है। वहीं राजस्थान रॉयल्स को 9 मैचों में 7वीं हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें अब लगभग खत्म होती नज़र आ रही हैं।
एक ओर जहां विराट कोहली की बेंगलुरु टीम आत्मविश्वास से लबरेज़ दिख रही है, वहीं राजस्थान के लिए अब हर मैच करो या मरो जैसा बन गया है।
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