पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया है। इस वीभत्स हमले के बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, फेसबुक और (MS धोनी) इंस्टाग्राम पर पाकिस्तानी विरोधी पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है।
आम जनता से लेकर फिल्मी हस्तियों और खिलाड़ियों तक, हर कोई इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा कर रहा है। और अपने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देकर अपना गुस्सा प्रकट कर रहे है।
क्रिकेट जगत भी इस घटना से अछूता नहीं रहा। भारतीय क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर, मौजूदा दौर के सुपरस्टार विराट कोहली, तेजतर्रार बल्लेबाज़ युवराज सिंह और युवा सितारे शुभमन गिल ने पहलगाम हमले में शहीद हुए वीरों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
विराट कोहली ने इस हमले को ‘कायरता की पराकाष्ठा’ बताते हुए कहा कि इस दुखद घड़ी में वह पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। शुभमन गिल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “अहिंसा की हमारे देश में कोई जगह नहीं है।”
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने तो यहां तक कह दिया कि “भारत इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा।” उनके इस बयान के बाद गंभीर को जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है, लेकिन उनके रुख में कोई नरमी नहीं आई है।
दिलचस्प बात यह रही कि पाकिस्तान के कुछ दिग्गज क्रिकेटरों ने भी इस हमले की निंदा की है। मोहम्मद हफीज और दानिश कनेरिया जैसे खिलाड़ी न केवल भारत के शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त कर चुके हैं,(MS धोनी)
Maahi ka IPL aur Portfolio dono Laal hogaye🤔 pic.twitter.com/hVHmZhdF2x
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) April 24, 2025
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बल्कि दानिश कनेरिया ने तो अपने देश के प्रधानमंत्री और उपप्रधानमंत्री को भी जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने पाकिस्तान के नेताओं की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंक को संरक्षण देना किसी भी देश के भविष्य के लिए विनाशकारी है।
इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान MS धोनी की चुप्पी ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी है। जहां एक ओर देश के तमाम क्रिकेटर अपने दुख और आक्रोश का इज़हार कर रहे हैं,
वहीं MS धोनी द्वारा कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया न देने पर उन्हें खूब ट्रोल किया जा रहा है। फैंस के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि ऐसे संवेदनशील मौके पर धोनी जैसी बड़ी हस्ती की चुप्पी कहीं न कहीं निराशाजनक है।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत पूरी तरह एकजुट है। हर क्षेत्र के लोग – चाहे वह खेल हो, कला हो या आम नागरिक जीवन – सब अपने वीर सपूतों के साथ खड़े हैं।
इस हमले ने देशवासियों के बीच राष्ट्रवाद की भावना को और भी मजबूत किया है और सबकी यही मांग है कि शहीदों की कुर्बानी का बदला जल्द से जल्द लिया जाए।
I used to be a CSK fan, but this year I saw MS Dhoni’s hypocrisy. He remained silent on Hindu persecution in Murshidabad and Bangladesh. While many players posted about Pahalgam, he didn’t. Instead, CSK’s social handles are filled with adoring Pakistan’s Cricket League.
— Vaishnava (@Shubh4reall) April 24, 2025
लेफ्टिनेंटMS धोनी हुए ट्रोल
भारतीय क्रिकेट के सबसे चहेते सितारों में से एक, महेंद्र सिंह धोनी (MS धोनी) , इस समय सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। वजह यह है कि पहलगाम में हुए भीषण हमले को लेकर अब तक उन्होंने कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
गौरतलब है कि MS धोनी न केवल भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं, बल्कि वर्ष 2011 में उन्हें भारतीय टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट की मानद उपाधि भी दी गई थी। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस सम्मान को पाने के बाद प्रशंसकों को उनसे हर राष्ट्रीय संकट पर संवेदना जताने की उम्मीद रहती है।
हालांकि, इस बार धोनी की चुप्पी ने कई लोगों को निराश किया है। एक यूज़र ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वे पहले चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और MS धोनी दोनों के बड़े फैन थे
लेकिन MS धोनी ने न तो मुर्शिदाबाद की घटनाओं पर कोई टिप्पणी की थी और न ही अब पहलगाम हमले पर कुछ कहा है। इस चुप्पी ने उन्हें बेहद आहत किया है और उन्होंने अपने गुस्से का इज़हार धोनी और उनकी IPL टीम CSK दोनों पर निशाना साधते हुए किया।
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने सीधे तौर पर MS धोनी के सेना में लेफ्टिनेंट पद को निशाना बनाते हुए कहा कि इस पद के गौरव के बावजूद, देश के जवानों पर हुए इस भीषण हमले पर उनकी चुप्पी बेहद दुखद है।
सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स ने यहां तक कहा कि MS धोनी का यह रवैया उनके आदर्श स्वरूप को धूमिल कर रहा है। कई नाराज प्रशंसकों ने CSK को भी इस मामले में घसीटते हुए टीम की ओर से भी कोई संवेदनशील प्रतिक्रिया न आने पर नाराजगी जताई है।
जैसे-जैसे यह मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ता जा रहा है, फैंस और आलोचक दोनों ही एक स्वर में धोनी से अपेक्षा कर रहे हैं कि वे आगे आकर देश के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।
एक तरफ जहां MS धोनी की शांति और संयम को उनकी खासियत माना जाता है, वहीं मौजूदा स्थिति में उनके मौन ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है — क्या लोकप्रिय हस्तियों का देश के संकट के समय सार्वजनिक रूप से बोलना ज़रूरी है?