virat kohli sydney test: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का आखिरी टेस्ट मैच सिडनी में खेला जा रहा है, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के लिए यह सीरीज किसी बुरे सपने से कम नहीं रही।
सीरीज के दौरान विराट का प्रदर्शन उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत रहा, और वह पूरे समय अपने पुराने फॉर्म को हासिल करने में नाकाम रहे। केवल एक पारी को छोड़कर कोहली पूरे 50 रन तक भी नहीं पहुंच सके।
सिडनी टेस्ट की पहली पारी में विराट ने केवल 17 रन बनाए, जबकि दूसरी पारी में वह महज 6 रन पर आउट हो गए। दोनों ही मौकों पर वह बाहर जाती हुई गेंदों पर अपना विकेट गंवा बैठे।
खास बात यह है कि सीरीज के लगभग हर मैच में विराट इसी तरह आउट होते रहे, और यह तकनीकी कमजोरी उनके खेल पर भारी पड़ी।
The Scott Boland show is delivering at the SCG!
He’s got Virat Kohli now. #AUSvIND pic.twitter.com/12xG5IWL2j
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 4, 2025
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जब वह सिडनी टेस्ट की आखिरी पारी में आउट हुए, तो उनकी निराशा साफ तौर पर देखने को मिली। मैदान छोड़ते समय विराट काफी गुस्से में नजर आए और ड्रेसिंग रूम में लौटने के बाद उन्होंने खुद पर ही अपना गुस्सा निकाला।
पूरी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा। इस सीरीज में उन्होंने कई मौकों पर अच्छी शुरुआत तो की, लेकिन उन्हें बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे।
उनका प्रदर्शन उनके प्रशंसकों और टीम के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गया। विराट का शांत बल्ला न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी एक झटका साबित हुआ, क्योंकि वह हमेशा से टीम के मुख्य बल्लेबाज और संकटमोचक रहे हैं।
कब दिखेगी कोहली की आक्रमक पारी
इस सीरीज में उनकी तकनीकी खामियां और मानसिक दबाव साफ झलक रहा था। बाहर जाती गेंदों पर बार-बार आउट होना उनके खेल में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है। विराट कोहली, जो अपने आक्रामक खेल के लिए जाने जाते हैं, इस बार अपनी लय में लौटने में असफल रहे।
अब फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि विराट इस असफलता से सबक लेकर अपने खेल में सुधार करेंगे और जल्द ही अपने पुराने फॉर्म में लौटकर मैदान पर धमाल मचाएंगे।
उनके लिए यह सीरीज भले ही निराशाजनक रही हो, लेकिन यह उन्हें और अधिक मेहनत करने और अपनी गलतियों को सुधारने का मौका भी देती है।
क्रिकेट जगत को विश्वास है कि विराट कोहली जल्दी ही अपनी चमक वापस हासिल करेंगे और एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर अपनी बादशाहत साबित करेंगे।
सिडनी टेस्ट में विराट कोहली ने खोया आपा(virat kohli sydney test)
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के सिडनी टेस्ट में विराट कोहली का खराब फॉर्म जारी रहा। दूसरी पारी में विराट केवल 12 गेंदों पर 6 रन बनाकर आउट हो गए।
उन्हें ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने अपना शिकार बनाया। यह लगातार दूसरी बार था जब स्कॉट बोलैंड ने विराट को आउट किया। पहली पारी में भी वह बोलैंड की गेंद पर ही सस्ते में आउट हो गए थे।
दूसरी पारी में विराट कोहली एक बार फिर बाहर जाती हुई गेंद पर अपना नियंत्रण खो बैठे और स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ को आसान कैच थमा दिया।
इस तरह का dismiss उनके लिए पूरे सीरीज में आम बात बन चुका है। मैच की पहली पारी में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब वह बाहर जाती गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे थे।
लेकिन इस बार विराट के गुस्से ने सबका ध्यान खींचा। आउट होने के बाद विराट खुद पर ही बेहद नाराज नजर आए। वह पवेलियन लौटते वक्त अपना माथा पीटते हुए दिखाई दिए, और निराशा में कुछ अपशब्द भी कह गए। उनकी यह प्रतिक्रिया मैदान पर उनकी हताशा को साफ तौर पर बयां कर रही थी।
यह सीरीज विराट के लिए चुनौती से कम नहीं
यह सीरीज विराट के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रही। उनका फॉर्म पूरे टूर्नामेंट में संघर्षपूर्ण रहा, और सिडनी टेस्ट की यह घटना उनकी निराशा का चरम साबित हुई।
फैंस को विराट से बड़े प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उनका लगातार बाहर की गेंदों पर आउट होना और बड़ी पारियां न खेल पाना भारतीय टीम के लिए भी एक झटका साबित हुआ।
अब सवाल उठता है कि विराट कोहली कैसे अपनी इस तकनीकी कमजोरी और मानसिक दबाव से उबरेंगे।
उनका बार-बार आउट होना इस बात का संकेत है कि उन्हें अपनी तकनीक पर दोबारा काम करने की जरूरत है। वहीं, उनके गुस्से ने दिखा दिया कि वह इस खराब फॉर्म को लेकर कितने परेशान हैं।
फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि विराट अपनी इस असफलता से सबक लेकर जल्दी ही अपने खेल को बेहतर बनाएंगे।
सिडनी टेस्ट में उनका यह गुस्सा एक संकेत है कि वह अपनी स्थिति से नाखुश हैं और इसे बदलने के लिए तत्पर हैं।
क्रिकेट जगत को विश्वास है कि यह बुरे दिन जल्द ही खत्म होंगे और विराट कोहली अपने पुराने फॉर्म में लौटकर मैदान पर फिर से राज करेंगे।
BGT 2024-25 में नहीं चला कोहली का बल्ला(virat kohli sydney test)
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का सीजन एक बड़ी चुनौती साबित हुआ।
सीरीज की शुरुआत उन्होंने पर्थ टेस्ट में शानदार शतक के साथ की, जिसने फैंस को उम्मीद दी कि विराट इस ट्रॉफी में अपना दबदबा कायम रखेंगे। लेकिन इस शुरुआती धमाकेदार प्रदर्शन के बाद उनका बल्ला पूरी तरह खामोश हो गया।
विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट के बाद सीरीज में खेले गए चार मैचों में कोई उल्लेखनीय पारी नहीं खेली। वह लगातार संघर्ष करते नजर आए और बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहे।
सीरीज में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी उनकी तकनीकी चूक रही, खासतौर पर बाहर जाती गेंदों पर। उन्हें कई बार स्लिप में कैच थमाते हुए देखा गया, और यह पैटर्न उनकी हर पारी में दोहराया गया।
विराट का प्रदर्शन आंकड़ों में…
– सीरीज में उन्होंने कुल 9 पारियां खेलीं।
– इनमें से 5 पारियों में वह दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके।
– पूरे 5 मैचों की सीरीज में उनका औसत सिर्फ 23.75 रहा।
– वह 190 रन ही बना सके, जिसमें सिर्फ एक शतक शामिल था।
पर्थ टेस्ट के बाद विराट का लगातार फ्लॉप होना न केवल उनके फैंस के लिए, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हुआ।
भारतीय बल्लेबाजी क्रम में उनकी अहम भूमिका होती है, और उनका खराब प्रदर्शन टीम की कुल सफलता को भी प्रभावित करता है।
विराट के इस खराब फॉर्म के चलते सवाल उठने लगे हैं कि क्या वह दबाव में खेल रहे थे, या उनकी तकनीक में कुछ बदलाव की जरूरत है।
क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि उनकी कमजोरी बाहर जाती गेंदों पर नियंत्रण की कमी रही, जो पूरी सीरीज में उनके लिए नुकसानदेह साबित हुई।
फैंस अब उम्मीद कर रहे हैं कि विराट इस असफलता को पीछे छोड़ते हुए अपनी तकनीक और मानसिकता पर काम करेंगे।
उनका खराब प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि वह शायद अपने पुराने आक्रामक खेल से थोड़ा दूर हो गए हैं। लेकिन यह भी सच है कि विराट कोहली जैसा खिलाड़ी हर मुश्किल दौर से निकलकर वापसी करने में माहिर है।
यह सीरीज भले ही उनके लिए निराशाजनक रही हो, लेकिन विराट के रिकॉर्ड और उनका जज्बा यह भरोसा दिलाते हैं कि वह जल्द ही मैदान पर अपनी पुरानी चमक वापस लाएंगे और अपने आलोचकों को गलत साबित करेंगे।