आईपीएल 2025 का एक बेहद रोमांचक मुकाबला सोमवार को लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया, जहाँ धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 5 विकेट से हराया।
इस मैच में कई बेहतरीन प्रदर्शन हुए, लेकिन अंत में जब प्लेयर ऑफ द मैच का नाम लिया गया, तो सबको हैरानी हुई—क्योंकि यह सम्मान किसी युवा बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ को नहीं, बल्कि 43 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी को मिला।
धोनी ने इस मुकाबले में सिर्फ 11 गेंदों में 26 रन बनाए, जिसमें 1 गगनचुंबी छक्का और 4 दर्शनीय चौके शामिल थे। उनकी यह पारी जितनी छोटी थी, उतनी ही प्रभावशाली भी रही। उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और अनुभव कभी फुर्सत पर नहीं जाता।
इस प्रदर्शन के साथ ही धोनी आईपीएल इतिहास में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं जिन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड मिला है। इसके अलावा बतौर कप्तान, यह उनके खाते में यह सम्मान सबसे अधिक बार दर्ज होने का रिकॉर्ड भी जोड़ता है।
लेकिन इस सबके बावजूद, धोनी की प्रतिक्रिया दिल छू लेने वाली रही। जब उन्हें मंच पर बुलाया गया और ट्रॉफी सौंपी गई, तब उन्होंने एक बेहद विनम्र और ईमानदार प्रतिक्रिया दी।
धोनी ने कहा कि उन्हें यह अवॉर्ड क्यों दिया गया, यह समझ से परे है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल 11 गेंदों में की गई एक तेज़ पारी इस पुरस्कार की असल हकदार हो सकती है?
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धोनी ने साफ़ तौर पर कहा कि उनके अनुसार इस मैच के असली हीरो कोई और थे—शायद वह गेंदबाज़ जिन्होंने बीच के ओवरों में दबाव बनाया, या वो बल्लेबाज़ जिन्होंने टीम को मुश्किल स्थिति से निकालकर जीत की दहलीज़ तक पहुँचाया।
माही ने आयोजनकर्ताओं के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्लेयर ऑफ द मैच का सम्मान उस खिलाड़ी को मिलना चाहिए जिसने मैच में निर्णायक योगदान दिया हो।
धोनी की इस प्रतिक्रिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि क्यों वे न केवल क्रिकेट के मैदान में, बल्कि मैदान के बाहर भी एक सच्चे लीडर और रोल मॉडल हैं।
उनका आत्मविश्लेषण, विनम्रता और टीम भावना आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह भी दिखाया कि एक सच्चा खिलाड़ी वो होता है जो पुरस्कार की चमक में भी न्याय और सच्चाई की तलाश करे।
लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मिली इस जीत के साथ चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 2025 में अपनी दूसरी जीत दर्ज की, लेकिन इस मैच को खास बना दिया धोनी की बल्लेबाज़ी ने नहीं, बल्कि उनकी सोच ने—जो क्रिकेट को खेल से बढ़कर एक संस्कृति बनाती है।
प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड पर उठाए सवाल
14 अप्रैल की शाम लखनऊ के इकाना स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच एक रोमांचक मुकाबला खेला गया। चेन्नई ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए यह मैच 5 विकेट से अपने नाम कर लिया। लेकिन इस मैच के बाद जो सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा, वो नतीजा नहीं बल्कि महेंद्र सिंह धोनी का विनम्र और क़ाबिल-ए-सलाम बयान रहा।
मैच खत्म होने के बाद जब माही को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया, तो उन्होंने उसे स्वीकार करने की बजाय इसका विरोध कर दिया। उन्होंने माइक पर जो शब्द कहे, उन्होंने हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया। धोनी ने बेहद साफ़गोई से कहा – “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि मुझे यह अवॉर्ड क्यों दिया गया? कई और खिलाड़ी हैं जो इस सम्मान के अधिक हकदार थे।”
धोनी ने विशेष तौर पर नूर अहमद और रवींद्र जडेजा का नाम लिया। उन्होंने कहा कि नूर अहमद ने बेहद किफायती गेंदबाज़ी की और जडेजा ने अहम विकेट निकालकर टीम को जीत की दिशा में मोड़ा।
यह बयान किसी साधारण खिलाड़ी का नहीं, बल्कि उस कप्तान का था जिसने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि मैदान और मैदान के बाहर भी अपने व्यवहार से सबको प्रेरित किया।
धोनी को क्यों मिला प्लेयर ऑफ द मैच?
अब अगर धोनी के प्रदर्शन की बात करें, तो उन्होंने अपने फिनिशिंग अंदाज़ से एक बार फिर सभी को याद दिला दिया कि क्यों उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर कहा जाता है। सिर्फ़ 11 गेंदों पर 26 रन की उनकी नाबाद पारी ने रनरेट का दबाव पूरी तरह खत्म कर दिया।
236.36 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 4 चौके और 1 छक्का जड़ा। इसके अलावा विकेट के पीछे भी वो पूरी तरह मुस्तैद रहे – 1 स्टंपिंग, 1 कैच और 1 रन आउट के जरिए उन्होंने मैच की दिशा ही बदल दी।
दूसरी ओर, नूर अहमद ने 4 ओवर में मात्र 13 रन दिए, जो कि आज के टी-20 दौर में काफ़ी किफायती प्रदर्शन माना जाता है। हालांकि उन्हें विकेट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने विपक्षी बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखा। वहीं जडेजा ने मिचेल मार्श और आयुष बदोनी जैसे बल्लेबाज़ों के विकेट चटकाकर चेन्नई की जीत की नींव रखी।
धोनी का यह विरोध सिर्फ एक बयान नहीं था, बल्कि यह उनकी खेल भावना, विनम्रता और टीम के प्रति समर्पण का प्रमाण था। जब दुनिया अवॉर्ड्स की भूखी है, तब धोनी जैसे खिलाड़ी यह दिखाते हैं कि असली लीडरशिप क्या होती है – जहाँ टीम पहले आती है और ‘मैं’ बाद में।
धोनी के इस अंदाज़ ने एक बार फिर बता दिया कि वो सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं – मैदान पर भी और मैदान के बाहर भी।
मैच के बाद एमएस धोनी
मैच के बाद एमएस धोनी ने जीत पर खुशी तो जताई, लेकिन अपनी टीम की खामियों को लेकर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “खेल जीतना हमेशा अच्छा लगता है, खासकर जब पिछले कुछ मुकाबले हमारी पकड़ से फिसल गए हों। ऐसी जीत से टीम को आत्मविश्वास मिलता है और ये सिलसिला जारी रहना चाहिए।”
धोनी ने अपनी टीम की चुनौतियों पर भी रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि शुरुआती ओवरों में गेंदबाजी में संघर्ष हो रहा था, और बल्लेबाजी में भी टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिल रही थी।
“शायद चेन्नई की पिच इसका कारण हो, लेकिन हमें बेहतर विकेटों पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है जिससे बल्लेबाजों को आत्मविश्वास मिलेगा,” उन्होंने कहा।
धोनी ने टीम कॉम्बिनेशन और रणनीति में किए गए बदलावों की भी चर्चा की। “हम सुपर ओवर जैसे हालात में अधिक विकल्प चाहते हैं। अश्विन पर शुरुआत में दो ओवर डालने का दबाव था, इसलिए बदलाव करना ज़रूरी लगा।”
रशीद की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “उसने आज शानदार बल्लेबाज़ी की। वो पिछले कुछ वर्षों से टीम का हिस्सा है, और इस सीज़न नेट्स में उसकी बल्लेबाज़ी में बड़ा सुधार दिखा है। आज का प्रदर्शन बस एक शुरुआत है।”
धोनी के इन शब्दों से साफ झलकता है कि रिकॉर्ड और अवॉर्ड से ज़्यादा उन्हें टीम का संतुलन, आत्मविश्वास और निरंतरता ज़रूरी लगती है। मैदान में शांत नजर आने वाले धोनी के दिल में टीम की हर छोटी-बड़ी बात का असर साफ देखा जा सकता है।
धोनी ने बनाया रिकॉर्ड
महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले में शानदार प्रदर्शन कर धोनी ने अपने IPL करियर का 18वां ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड अपने नाम किया।
इस उपलब्धि के साथ उन्होंने विराट कोहली की बराबरी कर ली है। अब इन दोनों दिग्गजों से आगे सिर्फ रोहित शर्मा हैं, जिन्होंने 19 बार यह अवॉर्ड जीता है।
खास बात यह रही कि धोनी ने अपने सभी ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड बतौर कप्तान जीते हैं, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है।
इस मैच में धोनी ने एक और इतिहास रच दिया। उन्होंने 43 साल और 281 दिन की उम्र में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनकर IPL के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया, जिन्हें यह अवॉर्ड मिला हो।
हालांकि, हमेशा की तरह धोनी यहां भी बेहद विनम्र नजर आए। अवॉर्ड लेते वक्त उन्होंने कहा…”आज तो मैं भी हैरान हूं कि ये अवॉर्ड मिल रहा है। नूर अहमद ने वाकई आज शानदार गेंदबाज़ी की थी।”
गौरतलब है कि नूर अहमद ने भले ही कोई विकेट नहीं लिया, लेकिन उन्होंने मात्र 13 रन देकर अपने चार ओवरों में विपक्षी बल्लेबाज़ों पर जबरदस्त दबाव बनाया।
धोनी का यह अंदाज़ एक बार फिर दिखा गया कि वह सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक महान इंसान भी हैं।