Ind vs Aus 5th Test : दर्द सहकर भी जो लड़ता रहता है वही असली योद्धा होता है और ऋषभ पंत कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है। ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में अपने शानदार खेल से यह साबित कर दिया कि दर्द सहकर भी जो लड़ता रहता है, वही असली योद्धा होता है।
शरीर पर गेंदें खाने के बाद भी वह विकेट पर डटे रहे और अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंत ने एक ऐसा सिक्स मारा कि गेंद को वापस लाने के लिए सीढ़ी लगानी पड़ी।
उनकी यह संघर्षपूर्ण और साहसी पारी दर्शाती है कि असली खिलाड़ी वह होता है जो हर परिस्थिति में मुकाबला करता है और टीम के लिए लड़ता है। पंत का यह खेल उनकी क्रिकेटिंग कड़ी मेहनत और समर्पण का उदाहरण है।
आज हर कोई खिलाड़ी मैच में अपनी कड़ी मेहनत से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिया। लेकिन आज भी खिलाड़ियों की मेहनत रंग नहीं ला पाई।
हिटमैन रोहित शर्मा आज टीम से बाहर बैठे दिखाी दिए। इस वक्त इंडिया टीम का हुकुम का इक्का जसप्रीत बुमराह बना हुआ है।
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ऋषभ पंत: मैदान पर एक असली योद्धा
RISHABH PANT SMASHED THE FIRST SIX OF 2025 FOR INDIA. 🥶🇮🇳pic.twitter.com/ZyWrt116el
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 3, 2025
मैदान पर कोई होता है जो अपनी छाप छोड़कर जाता है. सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत बल्लेबाजी करते हुए कुछ वैसे ही नजर आ रहे थे। ऋषभ पंत सिडनी टेस्ट में कुछ ऐसे प्रदर्शन से उभर कर आए, जो हर क्रिकेट प्रेमी के दिल को छू जाए।
दूसरे सेशन में बल्लेबाजी करते वक्त उन्हें कई बार चोटें लगीं, और शरीर पर गंभीर चोटें भी आईं। ऐसी स्थिति में, फीजियो तक को मैदान पर आना पड़ा, लेकिन पंत ने टीम इंडिया को संकट में नहीं डाला।
चोट के बावजूद, पंत ने अपनी दृढ़ता और साहस से यह साबित कर दिया कि असली खिलाड़ी वही होता है जो कड़ी परिस्थितियों में भी डटा रहे। उन्होंने मिचेल स्टार्क की तेज गेंदों पर भी संघर्ष जारी रखा और अपनी बल्लेबाजी जारी रखी।
पंत का यह जज्बा टीम इंडिया के लिए एक प्रेरणा बन गया, और यह दिखाता है कि मैदान पर अपनी छाप छोड़ना सिर्फ खेल से नहीं, बल्कि संघर्ष और साहस से भी जुड़ा होता है।
पंत का हौंसला नहीं टूटा(Ind vs Aus 5th Test)
सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत ने अपने साहस और हौसले का ऐसा उदाहरण पेश किया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
पंत ने चोटें खाईं, कभी हाथों में तो कभी हेलमेट पर, और चोटें इतनी तेज थीं कि उनके हाथों में खून के थक्के भी जम गए। लेकिन इसके बावजूद, उनका हौसला कभी नहीं टूटा।
हालांकि, यह भी हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत में पंत के खिलाफ जो रणनीति अपनाई गई थी, वह बुरी तरह विफल हो गई। इस रणनीति का असर पंत पर उल्टा पड़ा और उन्होंने अपने संघर्ष को और भी मजबूत किया।
इससे पंत का जज्बा और बल्लेबाजी में निखार आया, जो उनकी पारी में स्पष्ट रूप से दिखा। पंत की यह कड़ी मेहनत और साहस उनकी असल ताकत का प्रतीक बन गई।
छक्का ऐसा कि रोमांच से भरा स्टेडियम
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में चोट के बावजूद भारतीय पारी का पहला छक्का लगाकर स्टेडियम में हलचल मचा दी।(Ind vs Aus 5th Test)
यह छक्का 2025 में भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला छक्का बन गया। पंत ने यह शानदार छक्का ऑस्ट्रेलिया के डेब्यू खिलाड़ी ब्यू वेब्स्टर की गेंद पर लगाया।
पंत का यह छक्का इतना दमदार था कि गेंद को लाने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल करना पड़ा। गेंद की ऊंचाई और पंत के शॉट ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया, और पूरी स्टेडियम में उत्साह की लहर दौड़ गई। पंत की इस पारी ने न केवल मैच को रोचक बनाया, बल्कि उनकी दृढ़ता और साहस को भी दर्शाया।
ऋषभ पंत ने खेली 40 रन की पारी(Ind vs Aus 5th Test)
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में भारतीय पारी का पहला छक्का तो जड़ा, लेकिन अपने स्कोर को बड़ा नहीं बना सके। पंत ने 5वें विकेट के लिए जडेजा के साथ लगभग 50 रन की साझेदारी की, जो कि महत्वपूर्ण रही।
हालांकि, पंत अपनी पारी को और लंबा नहीं खींच सके और 98 गेंदों पर 40 रन बनाकर आउट हो गए। उनके स्कोर में 1 छक्का और 3 चौके शामिल थे। (Ind vs Aus 5th Test)
लेकिन वह अपनी पूरी क्षमता के साथ खेल दिखाने में सफल नहीं हो पाए। फिर भी पंत की बल्लेबाजी ने भारतीय पारी को मजबूती दी और टीम को कठिन स्थिति से उबारा।