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28-02-2025 Vol 19

ऑस्ट्रेलिया हार के बाद BCCI के 10 सख्त नियम-ऐड शूट पर बैन, पत्नियों के साथ रहने पर लगाम…

BCCI New Rule: टीम इंडिया के क्रिकेटर्स को अब घरेलू क्रिकेट खेलते समय कई नए नियमों का पालन करना होगा।

हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान 3-1 से टेस्ट सीरीज में हार और भारतीय ड्रेसिंग रूम में मनमुटाव की खबरों के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम के अनुशासन और एकजुटता को मजबूत करने के लिए नए गाइडलाइन्स जारी किए हैं।

बीसीसीआई द्वारा गुरुवार रात जारी की गई इन गाइडलाइनों में 10 नए नियमों का उल्लेख किया गया है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि खिलाड़ी अब सीरीज के दौरान न तो किसी विज्ञापन के लिए शूट कर पाएंगे और न ही अपने परिवार के साथ सफर करने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, खिलाड़ी अब प्रैक्टिस सत्रों में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेंगे। यह कदम टीम की एकजुटता और अनुशासन को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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निजी स्टाफ और परिवार की उपस्थिति पर पाबंदी

इन गाइडलाइनों के तहत, निजी स्टाफ और परिवार की उपस्थिति पर पाबंदी भी लगाई गई है, ताकि खिलाड़ी मैच और प्रैक्टिस में अपनी पूरी ऊर्जा लगा सकें और किसी भी तरह की बाहरी distractions से बच सकें।

इससे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि खिलाड़ी सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें और उनकी ऊर्जा किसी और कार्य में बर्बाद न हो।

इस पहल का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट टीम को और भी मजबूत और एकजुट बनाना है, ताकि वे आगामी प्रतियोगिताओं में अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें।

इन नियमों का पालन करना अब खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य हो गया है, और यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बीसीसीआई टीम के अनुशासन को प्राथमिकता दे रहा है।

BCCI की गाइडलाइन के 10 पॉइंट्स…

1.फैमली के साथ ट्रैवल नहीं कर सकेंगे

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई ने नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब खिलाड़ी पूरे दौरे के दौरान अपने परिवार और पत्नियों के साथ सफर नहीं कर सकेंगे।

यह नियम खासतौर पर विदेशी दौरों पर लागू किया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव न पड़े। हालांकि, 45 दिनों से कम अवधि वाले दौरे के लिए खिलाड़ियों को थोड़ी राहत दी गई है।

ऐसे टूर में खिलाड़ी अपनी पत्नियों और परिवार के सदस्यों को केवल 7 दिनों तक अपने साथ रख सकते हैं। इससे अधिक समय तक परिवार के साथ रहने की अनुमति नहीं होगी।

यदि किसी खिलाड़ी को किसी विशेष परिस्थिति में अपने परिवार के साथ या अलग से यात्रा करनी हो, तो इसके लिए उसे हेड कोच और चयन समिति के चेयरमैन से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

बिना स्वीकृति के इस नियम का उल्लंघन करने पर खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

इस नए दिशा-निर्देश का उद्देश्य खिलाड़ियों का ध्यान पूरी तरह से खेल पर केंद्रित रखना है, ताकि उनकी प्रदर्शन क्षमता में किसी भी तरह की कमी न आए। बीसीसीआई का यह कदम टीम में अनुशासन और पेशेवर रवैये को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

2. घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी होगा

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट को अनिवार्य कर दिया है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेना होगा।

यह नियम खिलाड़ियों के कौशल को निखारने और जमीनी स्तर पर उनके प्रदर्शन को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय टीम के चयन में घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को एक महत्वपूर्ण मानदंड माना जाएगा।

इसका मतलब है कि यदि कोई खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो उसे राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

यदि किसी खिलाड़ी को किसी कारणवश घरेलू क्रिकेट में भाग लेने में असमर्थता होती है, तो उसे इस बारे में बोर्ड को पहले से सूचित करना होगा।

साथ ही, सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति प्राप्त करना भी अनिवार्य होगा। इसके बिना खिलाड़ी का चयन बाधित हो सकता है या उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा

यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि खिलाड़ी घरेलू स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रहें और अपनी फिटनेस और खेल क्षमता को निरंतर बनाए रखें।

घरेलू क्रिकेट में भागीदारी से न केवल खिलाड़ियों को अधिक अनुभव मिलेगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी यह प्रेरणा का स्रोत बनेगा।(BCCI New Rule)

बीसीसीआई का यह कदम भारतीय क्रिकेट को मजबूत करने और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे घरेलू टूर्नामेंट की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी और खिलाड़ियों के लिए प्रतिस्पर्धा का स्तर और ऊंचा होगा।

3. ज्यादा सामान नहीं ले जा सकेंगे

टूर में खिलाड़ी ज्यादा सामान नहीं ले जा सकेंगे। अगर खिलाड़ी के सामान का वजन ज्यादा है, तो इसके लिए खुद ही पैसे देने होंगे। बोर्ड ने वजन और सामान की भी अलग से गाइडलाइन्स जारी की हैं।

लगेज पॉलिसी…

लंबे दौरे (30 दिनों से अधिक) खिलाड़ी: 5 पीस (3 सूटकेस+2 किट बैग) या 150 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ : 2 पीस (2 बड़े+1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम तक।

छोटे दौरे (30 दिनों से कम) खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।

होम सीरीज खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।

4. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अलग से सामान भेजना होगा

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बेंगलुरु में ट्रेनिंग कैंप के दौरान सामान और व्यक्तिगत वस्तुओं की व्यवस्था को लेकर एक नया नियम लागू किया है।

इस नियम के तहत, सभी खिलाड़ियों को अपनी आवश्यक वस्तुएं या सामान भेजने के लिए पहले टीम मैनेजमेंट से संपर्क करना अनिवार्य होगा।

खिलाड़ियों को हिदायत दी गई है कि वे अपने सामान को टीम मैनेजमेंट द्वारा बताए गए निर्धारित तरीके और प्रक्रिया के तहत ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तक पहुंचाएं।

अगर कोई खिलाड़ी इस प्रक्रिया का पालन नहीं करता है और अपने सामान को अलग-अलग तरीके से भेजता है, तो इसके चलते आने वाली अतिरिक्त लागत की जिम्मेदारी उस खिलाड़ी की होगी।

यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ट्रेनिंग के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें और अनावश्यक अव्यवस्था या देरी से बचा जा सके।

अनुशासन बनाए रखने पर जोर

साथ ही, खिलाड़ियों और टीम मैनेजमेंट के बीच बेहतर तालमेल और अनुशासन बनाए रखने पर भी जोर दिया गया है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली तैयार की गई है, और इस नियम का उद्देश्य इस प्रक्रिया को और अधिक कुशल और संगठित बनाना है।

इस पहल के माध्यम से, बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो,

लेकिन साथ ही उन्हें यह भी सिखाया जा रहा है कि वे प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करते हुए जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करें।

यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के अनुशासन और प्रबंधन के उच्च मानकों को बनाए रखने के दृष्टिकोण से लिया गया है।

5. किसी दौरे या सीरीज में निजी स्टाफ नहीं होगा

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों के लिए सीरीज और दौरे के दौरान निजी स्टाफ की उपस्थिति को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इन नियमों के अनुसार, किसी भी खिलाड़ी का निजी स्टाफ, जैसे पर्सनल मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट्स या सिक्योरिटी पर्सनल, उनके साथ दौरे पर नहीं जा सकेगा।

यदि किसी खिलाड़ी को अपने निजी स्टाफ की आवश्यकता महसूस होती है, तो इसके लिए उन्हें बोर्ड से पूर्व अनुमति लेनी होगी।(BCCI New Rule)

बोर्ड बिना ठोस कारण और प्रामाणिकता के इस तरह के अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगा। इस नियम का उद्देश्य खिलाड़ियों के साथ गैर-आवश्यक लोगों की उपस्थिति को सीमित करना और टीम की एकजुटता बनाए रखना है।

इस नए कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खिलाड़ी अपने खेल और टीम के साथियों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।

निजी स्टाफ की उपस्थिति से होने वाले संभावित distractions को खत्म करने और टीम के भीतर अनुशासन और सामूहिक भावना को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, यह पहल दौरे के दौरान व्यवस्थाओं को सरल और सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए भी है।(BCCI New Rule)

बीसीसीआई ने यह सख्त कदम उठाया

निजी स्टाफ की मौजूदगी से टीम मैनेजमेंट पर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है, जिसे रोकने के लिए बीसीसीआई ने यह सख्त कदम उठाया है।

खिलाड़ियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस नियम का पूरी तरह से पालन करें और बोर्ड से स्वीकृति के बिना अपने निजी स्टाफ को दौरे पर न ले जाएं। इसका उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

इस दिशा-निर्देश का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट टीम को एक पेशेवर और अनुशासित इकाई के रूप में प्रस्तुत करना है, जो खेल पर केंद्रित रहे और बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त रहे। यह निर्णय टीम की प्रगति और सामूहिक प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

6. प्रैक्टिस सेशन में मौजूद रहना अनिवार्य

अब से सभी खिलाड़ी को प्रैक्टिस सेशन में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य खिलाड़ियों के प्रशिक्षण स्तर को बनाए रखना और उन्हें टीम के साथ सामूहिक रूप से अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है।

कोई भी खिलाड़ी अब प्रैक्टिस सेशन को जल्दी छोड़कर नहीं जा सकेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि हर खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत और एकजुटता के साथ प्रशिक्षण में भाग ले।

इसके अलावा, सीरीज या टूर्नामेंट के दौरान जब टीम एक वेन्यू से दूसरे वेन्यू पर यात्रा करती है, तो सभी खिलाड़ियों को टीम के साथ बस में ही यात्रा करनी होगी।

इस नियम का मकसद खिलाड़ियों के बीच आपसी बॉन्डिंग और सामूहिक एकजुटता को बढ़ावा देना है, ताकि वे एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिता सकें और टीम भावना को मजबूत कर सकें।

7. विज्ञापन के लिए अनुमति नहीं

इसके अलावा, बोर्ड ने यह भी फैसला लिया है कि सीरीज और दौरे के दौरान किसी भी खिलाड़ी को व्यक्तिगत फोटोशूट या विज्ञापन करने की अनुमति नहीं होगी।

खिलाड़ी अब निजी विज्ञापन या प्रमोशनल कार्यों में भाग नहीं ले सकेंगे, ताकि उनका ध्यान क्रिकेट से हटकर किसी और गतिविधि में न जाए।

बीसीसीआई का यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि खिलाड़ियों का पूरा ध्यान केवल खेल पर केंद्रित रहे और उन्हें किसी भी बाहरी दवाब या इंटरेस्ट से बचाया जा सके।

यह दोनों फैसले भारतीय क्रिकेट को और भी पेशेवर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।

इन नियमों से न केवल खिलाड़ियों का ध्यान और कड़ी मेहनत पर जोर दिया जाएगा, बल्कि टीम के बीच एकजुटता और सामूहिक भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।

बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ी पूरी तरह से टीम के लिए समर्पित रहें और क्रिकेट पर उनका पूरा ध्यान रहे।

8. विदेशी दौरे पर फैमिली को ज्यादा समय नहीं(BCCI New Rule)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों के साथ रहने से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इस नए नियम के तहत, अगर कोई खिलाड़ी विदेशी दौरे पर 45 दिनों तक रहता है, तो उसकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा उस खिलाड़ी के साथ दो हफ्ते के लिए रह सकते हैं।

इस दौरान, बीसीसीआई खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य के रहने का खर्च उठाएगा, लेकिन अन्य सभी खर्चों की जिम्मेदारी खिलाड़ी की होगी।

इसका मतलब है कि खिलाड़ी को अपने परिवार के सदस्यों की यात्रा, भोजन, और अन्य व्यक्तिगत खर्चों को खुद उठाना होगा।

यह नियम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि खिलाड़ी का ध्यान खेल पर पूरी तरह केंद्रित रहे, जबकि परिवार के साथ समय बिताने की सुविधा भी प्रदान की जाए।

इसके अतिरिक्त, यदि कोई खिलाड़ी अपने परिवार या अन्य किसी को अपने पास बुलाना चाहता है, तो उसे कोच और कप्तान से बातचीत के बाद एक निर्धारित तारीख पर अनुमति लेनी होगी।

केवल इस अनुमति के बाद ही परिवार या अन्य किसी व्यक्ति को खिलाड़ी के पास बुलाया जा सकता है।

नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो

यदि किसी खिलाड़ी द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशन (जनरल मैनेजर ऑपरेशन) पर होगी।

ये तीनों व्यक्ति सुनिश्चित करेंगे कि खिलाड़ी के परिवार के साथ रहने के दौरान सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।

समयसीमा समाप्त होने के बाद, खिलाड़ी को अपने परिवार के सदस्यों के रहने, यात्रा और अन्य खर्चों का भुगतान खुद करना होगा।

यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है ताकि खिलाड़ियों का ध्यान क्रिकेट पर बने रहे और बीसीसीआई के खर्चों का प्रबंधन सही तरीके से किया जा सके।

बीसीसीआई का यह कदम खिलाड़ियों और उनके परिवार के लिए एक संतुलित व्यवस्था प्रदान करता है, जिससे खिलाड़ी अपने परिवार के साथ कुछ समय बिता सकते हैं, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि खेल के दौरान उनका फोकस पूरी तरह से टीम और मैच पर केंद्रित रहे।

9. ऑफिशियल शूट और फंक्शन में हिस्सा लेना होगा

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने खिलाड़ियों के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब सभी खिलाड़ियों को बीसीसीआई के आधिकारिक शूट, प्रमोशन और अन्य किसी भी प्रकार के प्रोग्राम में भाग लेना अनिवार्य होगा।

यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के प्रचार-प्रसार और इसके हितधारकों के फायदे के लिए लिया गया है, ताकि खेल की लोकप्रियता को और बढ़ाया जा सके और बीसीसीआई के साथ मिलकर टीम इंडिया की छवि को वैश्विक स्तर पर और भी सशक्त बनाया जा सके।

इस कदम का उद्देश्य केवल खिलाड़ियों के व्यक्तिगत ब्रांड को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक संस्था के रूप में और अधिक प्रासंगिक बनाना है।

जब खिलाड़ी बीसीसीआई के आधिकारिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे, तो यह ना केवल उनके लिए एक नया मंच प्रस्तुत करेगा, बल्कि इसके माध्यम से क्रिकेट के प्रति दर्शकों की दिलचस्पी और समर्थन भी बढ़ेगा।

प्रमोशनल गतिविधियों में खिलाड़ियों की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित होगा कि क्रिकेट का संदेश और भारतीय क्रिकेट टीम का आकर्षण वैश्विक स्तर पर फैले।

परफॉर्मेंस पर कोई नकारात्मक असर न पड़े

इसके साथ-साथ, बीसीसीआई के विभिन्न प्रायोजकों और हितधारकों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि उनका ब्रांड और अभियान अधिक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचेगा।

खिलाड़ियों को प्रमोशनल गतिविधियों में भाग लेने की वजह से उनके प्रशिक्षण और मैचों के बीच कुछ समय निकालने की आवश्यकता हो सकती है,

लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन कार्यक्रमों में शामिल होने से खिलाड़ियों की मैच परफॉर्मेंस पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि खिलाड़ियों का बीसीसीआई के साथ जुड़ा रहना और उनके प्रोग्राम में सक्रिय भूमिका निभाना भारतीय क्रिकेट की एकजुटता और समर्पण को दर्शाता है, जिससे टीम के भीतर एक सामूहिक भावना और टीम स्पिरिट का निर्माण होगा।

इस नियम का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट को और अधिक पेशेवर बनाना है, जिससे खेल को बढ़ावा मिले, खिलाड़ियों की छवि सशक्त हो, और क्रिकेट के सभी हितधारकों को इसका पूरा लाभ मिल सके।

10. सीरीज खत्म होने पर खिलाड़ी घर जल्दी नहीं आ सकेंगे(BCCI New Rule)

हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा। सीरीज जल्दी खत्म होने पर भी खिलाड़ी को टीम के साथ रहना होगा।

हर एक प्लेयर टीम के साथ ही तय तारीख पर लौटेगा। इस दौरान कोई भी खिलाड़ी जल्दी घर नहीं जा पाएगा। यह फैसला टीम बॉन्डिंग के लिए लिया गया है।

गाइडलाइन नहीं मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी बोर्ड ने सभी खिलाड़ियों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

इतना ही नहीं, नियमों का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। अगर कोई खिलाड़ी इसमें से किसी भी निर्देश का पालन नहीं कर पाता है, तो उसे चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच से परमिशन लेनी होगी।

कोई प्लेयर नियम तोड़ता है तो बोर्ड उसे टूर्नामेंट्स, सीरीज और यहां तक की IPL में भी नहीं खेलने देगा। इसके अलावा बोर्ड खिलाड़ियों की सैलरी और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर सकता है।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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