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29-04-2025 Vol 19

पहलवानों के आंदोलन से भाजपा क्यों बेपरवाह?

ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पहलवानों के आंदोलन की परवाह नहीं कर रहे हैं। यह ठीक उसी तरह है, जैसे किसानों के आंदोलन के समय हुआ था। भाजपा ने एक साल तक किसान आंदोलन की कोई परवाह नहीं की। एक साल के बाद हालांकि प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए लेकिन उसके अलावा किसानों से किया गया कोई वादा पूरा नहीं किया। एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने के मामले में सरकार ने कोई पहल नहीं की है। भाजपा के नेता मानते हैं कि किसान आंदोलन का कोई राजनीतिक नुकसान उनको नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों जगह भाजपा बड़े बहुमत से जीती। पंजाब में भाजपा जहां थी वही रही उलटे कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ, जिसने किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा खुल कर समर्थन किया था। यहां तक कहा जा रहा था कि पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार और हरियाणा के कांग्रेस नेताओं ने आंदोलन को मदद पहुंचाई थी।

उसी तरह अब कहा जा रहा है कि पहलवानों के आंदोलन के पीछे हरियाणा कांग्रेस के नेता हैं। पहलवानों के निशाने पर आए भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह लगातार इस आंदोलन को एक परिवा और एक खाप का आंदोलन और कांग्रेस पार्टी की साजिश साबित करने में लगे हैं। इस वजह से भाजपा बेपरवाह है क्योंकि उसे लग रहा है कि आम आवाम पर इसका कोई असर नहीं होगा। उसने बहुत होशियारी से इसे हरियाणा के एक परिवार, एक खाप और एक जाति का आंदोलन बना दिया है। वैसे भी भाजपा ने हरियाणा में गैर जाट मुख्यमंत्री बना कर अपना राजनीतिक इरादा साफ कर दिया है। तभी उसको अपने नुकसान की चिंता नहीं है। हां, उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है। तभी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी के नेता ज्यादा परेशान हैं।

NI Political Desk

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