Friday

11-04-2025 Vol 19

संसद के अंदर-बाहर की रणनीति अलग होगी

विपक्षी पार्टियों को संसद में एकजुटता बनाने का एक मुद्दा मिल गया है। दिल्ली सरकार के अधिकार छीनने वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश के मसले पर विपक्षी पार्टियों में एकजुटता बनेगी लेकिन वह संसद के अंदर तक रहेगी। संसद के बाहर वह एकजुटता नहीं रहेगी। ध्यान रहे संसद के पिछले सत्र में भी मल्लिकार्जुन खड़गे की अपील पर जिन विपक्षी पार्टियों के नेता कांग्रेस के साथ खड़े होते तो उनमें से कोई पार्टियों के नेताओं को कांग्रेस ने कर्नाटक में अपनी सरकार के शपथ समारोह में नहीं बुलाया। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति के नेता संसद में कांग्रेस का साथ देते थे लेकिन इनको कर्नाटक नहीं बुलाया। इसी तरह अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के नेता भी कांग्रेस के साथ रहते थे लेकिन अखिलेश बुलावे के बावजूद शपथ समारोह में नहीं गए।

यही स्थिति आगे भी रहने वाली है। केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में केजरीवाल विपक्षी पार्टियों की साझेदारी बनवा रहे हैं। नीतीश कुमार दिल्ली आकर उनसे मिले और साथ देने का वादा किया। उसके बाद नीतीश ने खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। कांग्रेस भी इस अध्यादेश के मामले में संसद में केजरीवाल का साथ देगी लेकिन संसद के बाहर दोनों के बीच कोई तालमेल नहीं रहना है। ममता बनर्जी, शरद पवार, के चंद्रशेखर राव आदि सभी नेता इस मसले पर संसद में एकजुट रहेंगे। लेकिन इन नेताओं की पार्टियों का आपस में कोई टकराव नहीं है। परंतु कांग्रेस का केजरीवाल, ममता बनर्जी और केसीआर तीनों की पार्टियों के साथ टकराव है। इसलिए संसद के बाहर साझेदारी संभव नहीं है। संसद के बाहर और भीतर अलग अलग रणनीति होगी।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *