बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के एक गुट के नेता पशुपति कुमार पारस राज्यपाल बनाए जा सकते हैं। अभी वे केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। बिहार में जब जदयू और भाजपा एक साथ थे तब जदयू की शह पर पशुपति पारस ने पार्टी तोड़ी थी और पांच सांसदों के साथ अलग गुट बनाया था। आनन फानन में उनके गुट को लोकसभा में मान्यता मिल गई थी और पशुपति पारस केंद्र में मंत्री बन गए थे। लेकिन अब समीकरण बदल गया है। जदयू और भाजपा का तालमेल टूट गया है और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को भाजपा से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। कहा जा रहा है लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर जल्दी ही बड़ा फैसला हो सकता है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों गुट एक हो जाएंगे और चिराग पासवान को केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा। पशुपति पारस को केंद्र सरकार से हटा कर पूर्वोत्तर के किसी राज्य में राज्यपाल बनाया जा सकता है। अगर पशुपति पारस दोनों गुटों के विलय के लिए राजी नहीं होते हैं तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। उनके गुट के तीन सांसद पहले ही चिराग पासवान के संपर्क में हैं। चौथे सांसद ऐसे हैं, जो महागठबंधन के साथ भी जा सकते हैं। तभी कहा जा रहा है कि हिचक के साथ लेकिन पशुपति पारस राजभवन जाने को तैयार हैं। चिराग पासवान को लेकर भी भाजपा की पहली योजना उनको पार्टी में शामिल कराने की थी, लेकिन वे अपनी पार्टी बनाए रख कर भाजपा से तालमेल चाहते हैं। जल्दी ही इस बारे में फैसला होगा।