शिव सेना को आशंका है कि शरद पवार की पार्टी भाजपा के साथ जा सकती है। हालांकि पार्टी के नेता खुल कर यह बात नहीं कह रहे हैं। वे अब भी शरद पवार बनाम अजित पवार का मसला बना रहे हैं और यह आशंका जता रहे हैं कि अजित पवार भाजपा के साथ जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि उनकी भाजपा नेताओं से बात हुई है और सरकार में शामिल होने के फॉर्मूले पर चर्चा हुई है। असल में शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है। बताया जा रहा है कि उनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। ऐसे में शिंदे सरकार को बाहरी मदद की जरूरत होगी। तभी कहा जा रहा है कि अजित पवार वह मदद मुहैया करा सकते हैं। पिछले कुछ दिन से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर रहे हैं। हालांकि यह काम वे शरद पवार की मर्जी के बगैर करेंगे या उनकी सहमति से यह तय नहीं है।
शिव सेना और कांग्रेस दोनों उम्मीद कर रहे हैं कि शरद पवार महा विकास अघाड़ी में बने रहेंगे। संजय राउत ने दावा भी किया है कि शरद पवार ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे से मुलाकात में कहा कि वे किसी हाल में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। राउत ने ‘सामना’ के अपने कॉलम में यह भी लिखा है कि पवार ने उद्धव ठाकरे से कहा कि जो भाजपा के साथ जाएगा वह आत्मघात करेगा। हो सकता है कि पवार सचमुच ऐसा सोचते भी हों। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि शरद और अजित पवार दोनों ने शिव सेना के नेताओं से कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों का खतरा परिवार के ऊपर मंडरा रहा है। पार्टी के भी कई नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अजित पवार ने भाजपा का दबाव होने की बात कही है। हालांकि अजित पवार रविवार को नागपुर में हुई महा विकास अघाड़ी की रैली में शामिल हुए। फिर भी उनकी मंशा को लेकर संदेह जताया जा रहा है।