कर्नाटक का कोई भी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना नहीं साध रहा है। कोई उनके ऊपर हमला नहीं कर रहा है। कुछ नेताओं ने केंद्र सरकार के कामकाज पर जरूर सवाल उठाए है लेकिन मोदी के ऊपर निजी हमले से सब दूर हैं। प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया तो केंद्र की भाजपा सरकार या उसके किसी राष्ट्रीय नेता के बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं। फिर सवाल है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने क्यों मोदी को निशाना बनाया? जब पार्टी में यह सहमति है कि प्रदेश के नेता सिर्फ कर्नाटक भाजपा के नेताओं और राज्य सरकार पर हमला करेंगे और अगर मोदी के लिए कुछ कहना हुई भी तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा कहेंगे, फिर क्यों खड़गे पिता-पुत्र ने मोदी पर हमला किया?
पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री के लिए निजी अपमानजनक टिप्पणी की और उनकी तुलना ‘जहरीले सांप’ की। उसके बाद उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने प्रधानमंत्री को ‘नालायक’ कह दिया और खड़गे ने अपने बेटे की इस टिप्पणी का बचाव भी किया। खड़गे पिता-पुत्र की टिप्पणियों ने भाजपा को लड़ने का बहाना दे दिया है। इससे पहले तक भाजपा बचाव की मुद्रा में थी और कांग्रेस के सेट किए एजेंडे पर प्रतिक्रिया दे रही थी। लेकिन अब भाजपा हमलावर हो गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे अपने ही राज्य की राजनीति में बेगाने से हो गए हैं। उनके भाषण, रैलियों और दौरों का कोई नोटिस नहीं लिया जा रहा था। सब कुछ या तो सिद्धरमैया और शिवकुमार के ईर्द-गिर्द हो रहा था या राहुल और प्रियंका के। इसलिए उन्होंने अपनी अलग राजनीति की। इससे यह भी लग रहा है कि कहीं न कहीं खड़गे के मन में कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की लालसा है।