Saturday

01-03-2025 Vol 19

झारखंड के मुख्यमंत्री को राहत की उम्मीद

राज्यपाल बदलने के बाद झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम के नेता उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री और उनके विधायक भाई की सदस्यता को लेकर जो तलवार लटकी है वह हट जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के खिलाफ प्रदेश भाजपा की शिकायत पर लाभ के पद के मामले में राज्यपाल ने चुनाव आयोग से रिपोर्ट मांगी थी। चुनाव आयोग ने लंबी सुनवाई के बाद अगस्त 2022 में राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी थी लेकिन तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने तीन महीने तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। उसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्होंने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग से दोबारा रिपोर्ट मांगी है। हालांकि नवंबर में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि उससे कोई दूसरी रिपोर्ट नहीं मांगी गई है और न पहली रिपोर्ट पर पुनर्विचार के लिए कहा गया है।

इस बीच पिछले साल दिवाली में राज्यपाल जब अपने गृह प्रदेश गए थे तब उन्होंने एक इंटरव्यू में कह दिया था कि दिवाली के बाद झारखंड में एकाध एटम बम फूट सकता है। हालांकि दिवाली बीते हुए भी तीन महीने हो गए कोई धमाका नहीं हुआ। पूर्व चुनाव आयुक्तों का मानना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद का मामला नहीं बनता है इसलिए उनकी सदस्यता नहीं जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने भी सदस्यता खारिज करने की सिफारिश नहीं की है इसलिए राज्यपाल इस मामले को लेकर बैठे रहे। अब राष्ट्रपति ने तमिलनाडु भाजपा के पुराने नेता सीपी राधाकृष्णन को नया राज्यपाल नियुक्त किया है तो राज्य सरकार और सत्तारूढ़ जेएमएम को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और उनके भाई के ऊपर लटकी तलवार हट जाएगी। नए राज्यपाल चुनाव आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक कर देंगे। लंबित विधेयकों को लेकर भी स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

NI Political Desk

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