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10-04-2025 Vol 19

मध्य प्रदेश में भाजपा की समस्याएं

वैसे तो इस साल 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे लेकिन भाजपा के नजरिए से तीन राज्य- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे अहम हैं, जहां साल के अंत में चुनाव होने हैं। इनमें भी मध्य प्रदेश की स्थिति अलग है क्योंकि इन तीन में से सिर्फ वहीं भाजपा का शासन है। पिछले चुनाव में 15 साल के बाद भाजपा हारी थी हालांकि उसके डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस को तोड़ कर भाजपा ने अपनी सरकार बना ली। लेकिन उसके बाद से ही सरकार और पार्टी दोनों कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कमलनाथ से सत्ता छीन कर जब से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तब से उनके हटने की चर्चा होती रही। हालांकि वे अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब रहे हैं।

चुनाव से पहले पार्टी के सामने सबसे बड़ी समस्या केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बने हैं। उनके करीबियों ने दो तरह की चर्चा चलवाई हुई है। पहली चर्चा यह है कि उनको भाजपा आलाकमान मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करेगा। उनको प्रदेश की राजनीति के लिए भेजा जा रहा है। उनकी तरफ से दूसरी चर्चा यह चलवाई गई है कि नेहरू-गांधी परिवार के किसी सदस्य ने उनसे संपर्क किया है और कांग्रेस में उनकी वापसी की बात हो रही है। ध्यान रहे भाजपा ने मध्य प्रदेश में ‘मिशन 200’ का ऐलान किया है। यानी पार्टी 230 में से दो सौ सीट जीतने का लक्ष्य लेकर लड़ रही है। सिंधिया को पता है कि अगर भाजपा को पूर्ण बहुमत आया तो उनकी हैसियत और घटेगी।

दूसरी समस्या यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ और उनसे अलग भी कांग्रेस के करीब 25 विधायक पार्टी छोड़ कर भाजपा से जुड़े हैं। वे सभी विधानसभा चुनाव की टिकट मांग रहे हैं लेकिन भाजप और संघ के एक बड़े सेक्शन की ओर से इसका विरोध हो रहा है। कहा जा रहा है कि उस समय सरकार बनानी थी तो उनको साथ लिया गया। अब पार्टी को अपने पुराने कार्यकर्ताओं को नेताओं को ही टिकट देना चाहिए। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और एक दूसरे केंद्रीय मंत्री भी सिंधिया समर्थकों की टिकट कम करने के पक्ष में हैं। इससे सिंधिया और उनके समर्थक दोनों चिंता में हैं।

जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा के कई नेता इस बार चुनाव से पहले अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल बड़े दावेदार बताए जा रहे हैं तो नरोत्तम मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय भी दावेदार हैं। पार्टी के कई लोकसभा सांसद इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहे हैं, जिससे दावेदारी बढ़ने का अंदेशा है। कहा जा रहा है कि जिन लोगों को अगले साल अप्रैल-मई के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने या हार जाने का अंदेशा लग रहा है वैसे भी कुछ नेता विधानसभा की टिकट मांग रहे हैं। एक समस्या यह है कि पार्टी के कुछ नेता नया चेहरा लाने की मांग कर रहे हैं। पार्टी के सामने एक सिरदर्द उमा भारती ने खड़ा किया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रही हैं और इसके लिए लगातार ऐसे बयान दे रही हैं, जिनसे भाजपा को नुकसान होने का अंदेशा है।

NI Political Desk

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