Saturday

01-03-2025 Vol 19

भाजपा नेता तुरंत बाप पर पहुंच जाते हैं

भारतीय जनता पार्टी का वैसे तो दावा है कि वह संस्कारी पार्टी है और हिंदू संस्कारों का पालन करती है लेकिन उसके नेता बात बात पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बाप तक पहुंच जाते हैं। अपने मां बाप को लेकर बेहद संवेदनशील भाजपा नेताओं को दूसरे नेताओं के मां बाप के सम्मान की चिंता नहीं होती है। अगर होती तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पूर्व मुख्यमंत्री से वैसी भाषा में बात नहीं करते, जैसी भाषा में उन्होंने विधानसभा में बात की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा कि तुम अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए। सोचें, सदन में किसी नेता के बाप तक जाने का क्या मतलब है? जिस भाषा में मुख्यमंत्री ने बात की क्या उससे स्वर्गीय मुलायम सिंह का सम्मान बढ़ा?

यह एक मिसाल नहीं है। ऐसी कई घटनाएं हैं। बिहार में जब तेजस्वी यादव के ऊपर हमला करना होता है तो भाजपा के नेता उनके पिता लालू प्रसाद को घसीट कर ले आते हैं। कई बार भाजपा के नेताओं ने चारा चोर का बेटा कह कर सार्वजनिक रूप से लालू व तेजस्वी का अपमान किया है। राहुल गांधी के तो माता-पिता दोनों का अपमान किया जाता है और अब तो भाजपा के सर्वोच्च नेता भी उनके नाना-परनाना तक पहुंच गए हैं। असल में यह भाजपा की समस्या है कि वह सामान्य राजनीतिक विमर्श भी बिना पर्सनल हुए नहीं चला पाती है। सिद्धांत, विचार की बजाय ज्यादातर हमले निजी होते हैं।

NI Political Desk

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