Tuesday

15-04-2025 Vol 19

अधीर के अलावा कोई नेता नहीं?

क्या कांग्रेस पार्टी के पास लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के अलावा कोई और नेता नहीं है? यह सवाल इसलिए है क्योंकि वे एक साथ कई पद संभाल रहे हैं और अपने तमाम विवादित बयानों व पार्टी आलाकमान की शर्मिंदगी का कारण बनने के बावजूद उनको किसी पद से हटाया नहीं जा रहा है। वे पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष हैं। सबको पता है कि ममता बनर्जी के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं हैं और उनके रहते तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल की बातचीत मुश्किल होगी। पिछले चुनाव की रिकॉर्ड भी सबके सामने है, जब कांग्रेस पार्टी 44 से घट कर दो सीट की पार्टी रह गई। इसके बावजूद कांग्रेस को अधीर रंजन का विकल्प नहीं मिल रहा है।

वे लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं। उनको नेता विपक्ष का दर्जा नहीं मिला हुआ है और लेकिन विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता के नाते वे लोक लेखा समिति, पीएसी के अध्यक्ष भी हैं। इस लोकसभा का आखिरी साल शुरू हुआ है तो कांग्रेस ने एक बार फिर उनको पीएसी का अध्यक्ष मनोनीत किया है। यह भी एक रिकॉर्ड है। हाल के दिनों में शायद कोई भी नेता लगातार पांच साल तक लोक लेखा समिति का अध्यक्ष नहीं रहा। पर अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं, पीएसी के अध्यक्ष हैं और पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले ममता के साथ तालमेल बनाने की औपचारिक बातचीत शुरू करने से पहले कांग्रेस उनको हटाती है या नहीं। तभी यह भी हैरानी होती है कि शऱद पवार क्यों नहीं उनसे बात करते हैं? आखिर केसीआर देश भर में विपक्षी एकता की वकालत करने वाले नेता हैं! कहा जा रहा है कि महा विकास अघाड़ी के नेता मान रहे हैं कि अगर उनकी तरफ से संपर्क की कोशिश की गई तो केसीआर सीटों के लिए ज्यादा मोलभाव करेंगे। इसलिए सही समय का इंतजार किया जा रहा है।

NI Political Desk

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