पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावेदारी की है। 288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा में शिव सेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे के 20 विधायक हैं। आमतौर पर नेता प्रतिपक्ष के लिए विधायकों की कुल संख्या के 10 फीसदी के बराबर संख्या चाहिए होती है। इस लिहाज से महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष पद हासिल करने के लिए 29 विधायकों की जरुरत है। पहले कहा जा रहा था कि उद्धव की पार्टी के साथ साथ शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस को मिला कर 46 विधायक हैं और चूंकि महा विकास अघाड़ी ने एक गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ा था इसलिए इस गठबंधन के लिए नेता विपक्ष का पद मांगा जाएगा। हालांकि ऐसा होता नहीं है।
इस बीच उद्धव की पार्टी ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है। अगर सरकार सहमति दे तो स्पीकर 10 फीसदी से कम संख्या वाली पार्टी को भी मुख्य विपक्षी पार्टी मान कर उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष मनोनीत कर सकते हैं। ऐसा दिल्ली में हुआ था। 70 सदस्यों की दिल्ली विधानसभा में 2015 में भाजपा को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं लेकिन आप सरकार की सहमति से स्पीकर ने भाजपा के विजेंद्र गुप्ता को नेता प्रतिपक्ष बना दिया था। वैसा ही कुछ महाराष्ट्र में भी हो सकता है। यह संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उद्धव की पार्टी लगातार मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के प्रति सद्भाव दिखा रही है। पहले संजय राउत ने कहा कि फड़नवीस ने दलाल या फिक्सर किस्म के लोगों को अपना ओएसडी या पीए, पीएस नहीं बनाया। फिर भी इसी बात के लिए उद्धव की पार्टी के मुखपत्र सामना में भी फड़नवीस की तारीफ हुई। इस सद्भाव का कुछ फायदा उद्धव ठाकरे की पार्टी को मिल सकता है। कहा जा रहा है कि दोनों तरफ से एक दूसरे के प्रति सद्भाव है।