भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव मामला न सिर्फ टल रहा है, बल्कि उलझता भी जा रहा है। अब कहा जा रहा है कि 15 अप्रैल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से होने वाली है। प्रधानमंत्री 30 मार्च को नागपुर के दौरे पर जा रहे हैं। वे संघ के सहयोग से चलने वाले माधव नेत्रालय के अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान मोहन भागवत भी मंच पर मौजूद होंगे। इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के आरएसएस मुख्यालय जाने की भी संभावना है, जहां बंद कमरे में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठक हो सकती है। इससे पहले मोदी और भागवत अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में एक साथ दिखे थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मोदी संघ के मुख्यालय जाने वाले हैं।
इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से बहुत अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है, जो किसी न किसी कारण से लगातार टल रहा है। बताया जा रहा है कि संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। मोदी और भागवत की इस संभावित मुलाकात से पहले राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरू मे होने वाली है। 21 से 23 मार्च तक तीन दिन की बैठक में देश भर के करीब डेढ़ हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि इसमें भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हो सकती है। बांग्लादेश में हिंदुओं की दशा पर भी इसमें प्रस्ताव आने की चर्चा है लेकिन सबकी नजर राजनीतिक मसलों पर होगी। प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद नागपुर में मोदी और भागवत की मुलाकात होगी। कहा जा रहा है कि उसमें अध्यक्ष का नाम तय हो जाएगा और अप्रैल के पहले हफ्ते में घोषणा हो सकती है। इस बार अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए 15 अप्रैल की डेडलाइन है।