आम आदमी पार्टी के नियंत्रण वाले दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी में बड़ी घोषणाएं हुई हैं। इनमें सबसे बड़ी घोषणा यह है कि एमसीडी ने बकाया संपत्ति कर माफ करने का ऐलान किया है। एमसीडी में की गई घोषणा के मुताबिक एक सौ गज से कम एरिया में बने मकानों पर पूरा बकाया माफ होगा। इसके ऊपर और पांच सौ गज तक 50 फीसदी की माफी दी जाएगी। सवाल है कि यह घोषणा अभी क्यों की जा रही है? पिछले साल के अंत में दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ था। अगर उससे पहले एमसीडी की ओर से ऐसी घोषणा की जाती तो हो सकता है कि आम आदमी पार्टी को चुनाव में भी कुछ लाभ होता। अरविंद केजरीवाल नई योजनाओं की घोषणा करते रहे लेकिन उन्होंने एमसीडी से संपत्ति कर बकाए की माफी का ऐलान नहीं कराया।
ऐसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी अब मान चुकी है कि दिल्ली नगर निगम ये उसकी चलाचली की बेला है। उसकी विदाई होने वाली है और अप्रैल में एमसीडी भी भाजपा के नियंत्रण में आ जाएगी। अब दोनों के पार्षदों की संख्या बराबर हो गई है। इसी आधार पर भाजपा ने आम आदमी पार्टी के मेयर के इस्तीफे की मांग की है। इस बीच आप ने बकाया संपत्ति कर माफ करने का ऐलान कर दिया। अब भाजपा इस फैसले को पलट नहीं सकती है क्योंकि पलटने पर नुकसान होगा और संपत्ति कर माफ करने पर राजस्व का नुकसान होगा। बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले आप ने इसलिए इसका ऐलान नहीं कराया था क्योंकि उसको पूरा भरोसा था कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव वह जीतने जा रही है। उसके नेता मान रहे थे कि भले कुछ सीटें कम हो जाएं लेकिन जीत जाएंगे। इसलिए राजस्व का नुकसान करने वाली घोषणा एमसीडी ने नहीं की थी।