ashok siddharth : बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद और अपने समधि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया है।
उन्होंने उनके साथ साथ पार्टी के एक अन्य नेता नितिन सिंह को भी निकाला है। इन दोनों पर आरोप है कि ये पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे थे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
मायावती का फैसला बहुत हैरान करने वाला इसलिए है क्योंकि अशोक सिद्धार्थ उनके भतीजे और उत्तराधिकारी आकाश आनंद के ससुर हैं।
दोनों ससुर दामाद यानी अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद की केमिस्ट्री बहुत अच्छी है और दोनों एक दूसरे के राजनीतिक हितों को बचाते हैं। (ashok siddharth)
तभी कहा जा रहा है कि मायावती ने यह कार्रवाई भतीजे आकाश आनंद को मैसेज देने के लिए की है। वे नहीं चाहती हैं कि आकाश किसी तरह की गुटबाजी में शामिल हों।
उनके करीबी जानकारों का कहना है कि मायावती इस बात से नाराज थीं कि जब वे पूरी पार्टी आकाश को सौंपने वाली हैं तो वे क्यों इस गुट या उस गुट की राजनीति करेंगे। (ashok siddharth)
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यह बात मायावती को नागवार गुजरी (ashok siddharth)
बताया जा रहा है कि आकाश को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाने के बाद से ही कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं और उनको निपटाने की राजनीति कर रहे हैं।
एक बार तो उन्होंने मायावती के कान भर के आकाश के खिलाफ कार्रवाई करा दी थी और उनको उत्तराधिकारी पद से हटवा दिया था। लेकिन फिर मायावती ने उनको वापस बहाल किया।
कहा जा रहा है कि उसके बाद से उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ पार्टी के अंदर आकाश विरोधी गुट के नेताओं को निपटाने की राजनीति कर रहे थे। (ashok siddharth)
वे अपनी तरफ से आकाश को बचाने और पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत करने के लिए काम कर रहे थे। लेकिन यह बात मायावती को नागवार गुजरी है।
उनको लगता है कि भतीजे का हित बचाने का काम उनका है। तभी कहा जा रहा है कि वे मौका खोज रही थीं और दिल्ली के चुनाव नतीजों से उनको मौका मिला।
दिल्ली में आकाश आनंद को चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के करीबी नितिन सिंह इस काम में उनकी मदद कर रहे थे। (ashok siddharth)
दिल्ली में 0.59 फीसदी वोट पर सिमटने के बाद मायावती ने सिद्धार्थ और नितिन दोनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।