राजधानी दिल्ली में 27 साल के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो भाजपा के नेताओं ने बड़े बड़े वादे करने शुरू किए। चुनाव में जो वादे किए गए थे वो अलग हैं। सरकार बनने के बाद बड़ी बड़ी बातें हुई हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से लेकर नंबर दो मंत्री प्रवेश वर्मा तक सबने खुल कर ऐलान किए हैं। पता नहीं उनका असर कब दिखेगा क्योंकि सबकी डेडलाइन तीन से पांच साल की है। कब सड़कें बनेंगी, कब नए फ्लाईओवर बनेंगे, कब नए कॉलेज खुलेंगे, कब नाले साफ होंगे, कब यमुना साफ होगी और कब प्रदूषण खत्म होगा यह सब बाद में पता चलेगा। वास्तविकता यह है कि पहले सर्दियों में दिल्ली की हवा गंदी होती थी और रहने लायक माहौल नहीं होता था। लेकिन अब घनघोर गर्मी के समय भी वायु गुणवत्ता खराब है और ग्रैप एक की पाबंदी लगाने की जरुरत है।
सो, विकास के वादे जब पूरे होंगे तब होंगे लेकिन उससे पहले आम लोगों की समस्याएं शुरू हो गई हैं। दिल्ली के स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन के एक स्कूल प्रबंधन पर नाराजगी जता रही थीं। लेकिन इस दिखावे से कुछ हासिल नहीं हुआ है। द्वारका, रोहिणी और पीतमपुरा से लेकर मॉडल टाउन तक दर्जनों स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है। यहां तक कि फीस नहीं भरने के कारण बच्चों को स्कूल में रोकने की घटनाएं हुई हैं और अभिभावकों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी ने फीस बढ़ोतरी रूकवा रखी थी और जिन स्कूलों ने फीस बढ़ाई थी, उनसे पैसे वापस कराए थे।
दिल्ली में अरसे बाद पावर कट देखने को मिल रहा है। कई इलाकों में तीन से पांच घंटे तक बिजली जा रही है और कहा जा रहा है कि मेंटेनेंस के नाम पर बिजली काटी गई। लेकिन असल में यह लोड शेडिंग है। इतना ही नहीं यह भी खबर है कि बिजली की दरें बढ़ाई जा सकती हैं। इसी तरह पानी की स्थिति है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम के बजट से पहले पानी के बिल माफ करने का ऐलान किया था। कहा गया था कि सौ मीटर से कम प्लाट पर बने मकानों में पानी का बिल पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा और सौ मीटर से ज्यादा एरिया में बने मकानों का बिल 50 फीसदी माफ होगा। लेकिन भाजपा की राज्य सरकार ने पानी के बिल माफ किए जाने की खबरों का खंडन किया है। उलटे लोगों को पानी के कनेक्शन काटने का नोटिस मिलने लगा है।
इस बीच अब दिल्ली नगर निगम में भी भाजपा का वर्चस्व हो गया है। 25 अप्रैल को भाजपा के पार्षद राजा इकबाल सिंह निर्विरोध मेयर चुने जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने मेयर का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही आप ने कहा है कि दिल्ली में अब चार इंजन की सरकार बन रही है तो उम्मीद कर रहे हैं कि जनता की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। चार इंजन से मतलब है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है, दिल्ली में भाजपा की सरकार है, नगर निगम भाजपा की हो जाएगी और उप राज्यपाल भी भाजपा के हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी अगर बिजली कटौती होती है, पानी के कनेक्शन काटने के नोटिस जाते हैं, स्कूलों में फीस बढ़ती है और प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता है तो भाजपा के लिए मुश्किल होगी क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी बहुत सक्रिय है।