पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद और ममता बनर्जी की भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम आरोपपत्र में शामिल किया है। सीबीआई की ओर से दायर एक पूरक आरोपपत्र में उनका नाम शामिल किया गया है। पहले दिन पार्टी ने इसका विरोध किया और इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया। लेकिन उसके बाद पार्टी ने इस मामले की अनदेखी करने का रास्ता अपनाया है। तृणमूल कांग्रेस अगले साल होने वाले चुनावों के लिए दूसरे राजनीतिक अभियान में लग गई है। वह मतदाता सूची की जांच और दूसरे कामों में लगी है।
पार्टी के जानकार नेताओं का कहना है कि अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच पहले से चल रही है। कोयला तस्करी से जुड़े कथित मामले में उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के लोगों से पूछताछ हो चुकी है। इसलिए अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ होती है या मुकदमा चलता है तो उसमें कुछ भी नया नहीं होगा। दूसरी बात यह है कि अगले साल चुनाव होने वाले हैं और अगर उससे पहले सीबीआई शिक्षक भर्ती घोटाले में कार्रवाई तेज करती है या अभिषेक बनर्जी को परेशान करती है तो तृणमूल को इसका फायदा होगा। तृणमूल नेताओं को लग रहा है कि अभिषेक पर कार्रवाई हुई तो फिर से बांग्ला अस्मिता का मुद्दा बनाने में आसानी हो जाएगी। पड़ोसी राज्य झारखंड में हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई का फायदा झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिला। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को इसलिए फायदा नहीं मिला क्योंकि दिल्ली के चुनावों में क्षेत्रीय, भाषायी या जातीय अस्मिता बहुत बड़ी भूमिका नहीं निभाती है।