west bengal election : कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। ध्यान रहे ममता बनर्जी और उनकी पार्टी की ओर से यह संकेत दिया गया है कि अगले साल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ तालमेल हो सकता है।
कांग्रेस को इस बात का अंदाजा है कि इस बार ममता कोई जोखिम नहीं लेना चाहती हैं। कांग्रेस को इस बार मुस्लिम वोट के सद्भाव का अंदाजा है।
उसने जम्मू कश्मीर कांग्रेस विधायक दल के नेता गुलाम अहमद मीर को प्रदेश का प्रभारी बनाया है। अब कांग्रेस ने संगठन की मजबूती के साथ साथ चुनाव से पहले नैरेटिव बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। (west bengal election)
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कांग्रेस स्वतंत्र राजनीति करेगी (west bengal election)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की। बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार के साथ साथ पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए।
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के साथ साथ राज्य की तृणमूल सरकार पर भी हमला किया। जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अभी से यह संकेत नहीं देगी कि वह ममता से तालमेल के लिए बेचैन है। (west bengal election)
इसकी बजाय कांग्रेस स्वतंत्र राजनीति करेगी। वह लेफ्ट के साथ भी तालमेल नहीं करेगी। असल में कांग्रेस यह मैसेज बनवाना चाहती है कि जैसे उसने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हरवाया वैसे ही पश्चिम बंगाल में भी कर सकती है।
हालांकि अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी में फर्क है। ममता के खिलाफ इस तरह की रणनीति कांग्रेस के लिए आत्मघाती हो सकती है। फिर भी कांग्रेस यह मैसेज बनवा रही ताकि ममता के साथ सीटों के लिए बेहतर मोलभाव हो सके। (west bengal election)