rahul gandhi : मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी पिछले दिनों कवि और राम कथावाचक कुमार विश्वास की बेटी की शादी में शामिल हुए तो कांग्रेस के इकोसिस्टम के पत्रकारों और इन्फ्लूएंसर्स ने उनके भाजपा से मिले होने के आरोप लगाए और उन पर कार्रवाई की मांग की।
उनकी मिसाल देकर कहा गया कि राहुल गांधी ऐसे ही नेताओं के बारे में गुजरात में कह रहे थे कि कांग्रेस के अनेक लोग भाजपा के लिए काम करते हैं।
लेकिन इसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के दोनों बेटों की शादी का रिसेप्शन दिल्ली में हुआ तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा उसमें शामिल होने पहुंचे। (rahul gandhi)
उसके बाद से कांग्रेस इकोसिस्टम में इस बात को लेकर सन्नाटा है कि कांग्रेस के कौन कौन लोग भाजपा से मिले हो सकते हैं। जाहिर है कि किसी दूसरी पार्टी के नेता यहां सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने का मतलब उस पार्टी के लिए काम करना नहीं होता है।
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कांग्रेस नेतृत्व नाराज (rahul gandhi)
परंतु इस बात को नेहरू गांधी परिवार नहीं समझता है। इसकी दो मिसाल हाल के दिनों में आई दो किताबों में देखने को मिली है। एक किताब तो कांग्रेस के पुराने नेता मणिशंकर अय्यर की है, जो इन दिनों कांग्रेस से दूर दूर चल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर कई तीखे सवाल उठाए, जिसके बाद उनको भाजपा का आदमी सिद्ध किया जा रहा है।
उन्होंने अपनी जीवनी के तीसरे खंड में लिखा है कि जब 2004 में भाजपा हार कर सत्ता से बाहर हुई तो संसद के पहले सत्र में लोकसभा सांसदों की शपथ हो रही थी। (rahul gandhi)
जब वे शपथ लेकर उतरे तो उन्होंने देखा कि अटल बिहारी वाजपेयी बिल्कुल एक कोने में बैठे हैं और थके व निराश दिख रहे हैं। उस समय अय्यर ने उनके पैर छू लिए।
उन्होंने लिखा है कि सोनिया और राहुल गांधी दोनों इससे नाराज हुए और थोड़े दिन बाद राहुल एक दिन उनके ऑफिस में आए तो मजाक में ही पूछ दिया कि वे भाजपा में तो नहीं जा रहे हैं। (rahul gandhi)
इसी तरह की एक घटना का जिक्र नजमा हेपतुल्ला ने अपनी किताब ‘इन परसूट ऑफ डेमोक्रेसी’ में लिखा है। उन्होंने लिखा है कि राज्यसभा में उप नेता होने के नाते उनको सभी पार्टियों के नेताओं से मिलना होता था लेकिन इससे कांग्रेस नेतृत्व नाराज रहता था।