चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम यानी टीडीपी को लेकर कुछ भी कहा जाए, कम से कम अभी ऐसा लग रहा है कि उसका भाजपा के साथ परफेक्ट तालमेल चल रहा है। टीडीपी ने वक्फ कानून पर सरकार का साथ दिया और उधर केंद्र सरकार ने भी नायडू के महत्वाकांक्षी अमरावती प्रोजेक्ट के लिए खुले दिल से वित्तीय मदद मुहैया कराई है। खुद केंद्र सरकार के बड़े नेताओं ने ऐलान किया कि आंध्र प्रदेश को दो लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इस परफेक्ट तालमेल का एक सबूत यह है कि टीडीपी भाजपा को राज्यसभा की एक और सीट देने जा रही है। सोचें, जिस राज्य की विधानसभा में भाजपा के सिर्फ आठ विधायक हैं वहां उसके दो राज्यसभा सांसद हो जाएंगे। गौरतलब है कि राज्य में एक सीट जीतने के लिए 35 से 40 वोट की जरुरत होती है।
बताया जा रहा है टीडीपी ने राज्य में खाली हुई एक सीट भाजपा को देने का फैसला किया है। यह सीट जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के राज्यसभा सांसद विजय साई रेड्डी के इस्तीफे से खाली हुई है। इस सीट पर नौ मई को उपचुनाव होने वाला है। जानकार सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उस सीट से राज्यसभा भेजने की चर्चा चल रही है। लेकिन इससे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि केरल और तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव हैं तो उधर के ही किसी नेता को उच्च सदन में भेजा जाए। हाल ही में तमिलनाडु के अध्यक्ष पद से हटे पूर्व आईपीएस के अन्नामलाई के नाम की भी चर्चा है। इससे पहले टीडीपी ने एक और सीट भाजपा को दी थी। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के सांसद के रमैया ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया और वे भाजपा में चले गए। टीडीपी ने उनको राज्यसभा भेज दिया। इस तरह आठ विधायक वाली भाजपा का एक सदस्य राज्यसभा में है और दूसरा भी उच्च सदन में जाने वाला है।