तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रही है। पार्टी यह तय करने में लगी है कि उसे कैसे चुनाव लड़ना है। अकेले चुनाव में जाना है या तालमेल करना है और तालमेल करना है तो लोकसभा चुनाव की तरह छोटी पार्टियां सहयोगी होंगी या अन्ना डीएमसे से तालमेल करना है। इस बीच 24 फरवरी को उनकी जयंती आई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके प्रति गजब सद्भाव दिखाया। सोशल मीडिया में और कहीं जयललिता की जयंती को लेकर कोई हलचल नहीं दिखी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक लंबा पोस्ट लिख कर उनको याद किया। मोदी ने उनकी जयंती का मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उनको दयालु नेता और सक्षम प्रशासक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जयललिता के लिए कहा कि उन्होंने अपना जीवन तमिलनाडु के विकास के लिए खपाया। मोदी ने खुद को भाग्यशाली बताया कि उनको जयललिता के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने लिखा कि जन कल्याण के मुद्दे पर जयललिता ने हमेशा सहयोग किया और हर बार बड़ी गर्मजोशी से मिलती थीं। इसमें संदेह नहीं है कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने जयललिता के साथ बेहतर समन्वय बनाया था। लेकिन उनको इतने ऐहतराम से याद करने के पीछे राजनीति देखी जा रही है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई तीन महीने की छुट्टी पर विदेश गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने अन्ना डीएमके से तालमेल करने की संभावना जताई थी। दूसरी ओर फिल्म स्टार विजय की नई बनी पार्टी टीवीके भी जयललिता की पार्टी से तालमेल करना चाहती है। तो क्या टीवीके, अन्ना डीएमके और भाजपा मिल कर चुनाव लड़ेंगे और प्रशांत किशोर उनको चुनाव लड़वाएंगे? अगर ऐसा होता है कि तमिलनाडु का चुनाव बहुत दिलचस्प हो जाएगा। हालांकि अभी यह दूर की कौड़ी लग रहा है क्योंकि हिंदी और तमिल के मसले पर भाजपा ने दूरी रखी है।