Wednesday

02-04-2025 Vol 19

भाजपा को क्यों चिंता हो रही है?

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की चिंता बढ़ी है। पार्टी सारे दांव आजमा रही है कि किसी तरह से जाति गणना का श्रेय उसे भी मिले या यह मैसेज जाए कि वह भी पिछड़ों और अति पिछड़ों की राजनीति करती है। इसके लिए पार्टी के नेता सुशील मोदी ने सोशल मीडिया में दावा किया कि जाति गिनती का फैसला तब हुआ था जब भाजपा सरकार में थी। उन्होंने बड़ी होशियारी से लिखा कि भाजपा सरकार में थी, जबकि सरकार एनडीए की थी, जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे थे। इतना ही नहीं नीतीश कुमार उस समय के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए थे और जाति गणना कराने की मांग की थी। हालांकि तब भाजपा की केंद्र सरकार ने इससे मना कर दिया था। फिर भी सुशील मोदी श्रेय लेने में लगे हैं।

दूसरा प्रयास यह हो रहा है कि इस पूरी कवायद को हिंदुओं को बांटने की साजिश के तौर पर दिखाया जाए। तभी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि 75 फीसदी वोट भाजपा के पास है। कई भाजपा समर्थकों ने कहना शुरू कर दिया है कि इसमें 82 फीसदी हिंदू आबादी है। आंकड़ों में बताया गया है कि 2011 की जनगणना के मुकाबले 2023 की गिनती में हिंदू आबादी करीब एक फीसदी कम हुई है और मुस्लिम आबादी एक फीसदी के करीब बढ़ी है। यह भाजपा का बड़ा दांव हो सकता है। बहरहाल, भाजपा ने सवर्ण और वैश्यों की पार्टी होने का ठप्पा पहले ही हटाना शुरू कर दिया था। अब इसमें और तेजी आएगी क्योंकि पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि अगर पार्टी ने आगे बढ़ कर अति पिछड़ा वोट पर अपना दावा नहीं किया तो वह वोट नीतीश कुमार के साथ मजबूती से जुड़ सकता है। तब नीतीश को भाजपा के साथ लाना मजबूरी हो जाएगा।

NI Political Desk

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