चुनाव रणनीतिकार और बिहार में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी पार्टी के किसी नेता या कार्यकर्ता ने सलाह दी है कि उनको राघोपुर विधानसभा सीट से राजद के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि उनकी पार्टी कहेगी तो वे तेजस्वी यादव के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं। ध्यान रहे राघोपुर लालू प्रसाद उनके परिवार का गढ़ रहा है। यह अलग बात है कि 2010 में जनता दल यू के सतीश यादव ने राघोपुर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को चुनाव हरा दिया था। लेकिन वह एक बार की बात थी। उसके बाद दो बार से उस सीट से तेजस्वी यादव चुनाव जीत रहे हैं। सामाजिक समीकरण के लिहाज से यह लालू प्रसाद के परिवार के लिए सबसे सुरक्षित सीट है।
ध्यान रहे राबड़ी देवी को भी सतीश यादव ने हराया था। उस समय नीतीश कुमार की लोकप्रियता चरम पर थी और जदयू व भाजपा का गठबंधन उस चुनाव में 243 में से 206 सीट जीत गया था। अब वैसी स्थिति नहीं है। वैसे भी राघोपुर में कोई गैर यादव उम्मीदवार तेजस्वी को हरा दे इसकी संभावना कम है। ऊपर से इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ेंगे। उनके बारे में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए वे बिहार में सबसे ज्यादा लोगों की पसंद हैं। यह भी धारणा है कि पिछली बार वे बहुत कम अंतर से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से रह गए। तभी इस बार के चुनाव में यादव वोट की सौ फीसदी गोलबंदी उनके पक्ष में होगी। दूसरी ओर गैर यादव वोट में भाजपा व जदयू का उम्मीदवार भी होगा। इसलिए राघोपुर की लड़ाई प्रशांत किशोर के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी। हालांकि लड़ाई से ज्यादा उनका प्रयास यह दिखाना है कि राजद से असली मुकाबला उनकी पार्टी है। इसका फायदा उनको प्रदेश की दूसरी सीटों पर हो सकता है।