Saturday

05-04-2025 Vol 19

कौन पंक्चर कर रहा है नीतीश को?

बेंगलुरू की बैठक नीतीश कुमार के लिए अच्छी नहीं रही। विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई और 23 जून को पटना में हुई पहली बैठक के वे कर्ता-धर्ता थे लेकिन बेंगलुरू में उनकी पूछ नहीं रही। हालांकि बैठने का क्रम ऐसा था कि वे मल्लिकार्जुन खड़गे के बगल में बैठे। लेकिन बताया जा रहा है कि न तो गठबंधन का नाम तय करने में उनकी कोई राय ली गई। उन्होंने इंडिया नाम पर आपत्ति जताई लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। उनको विपक्षी गठबंधन का संयोजक या समन्वयक बनाने के बारे में कोई चर्चा हुई।

इसके उलटे यह हुआ कि बेंगलुरू में कई जगह उनके खिलाफ पोस्टर लगे। दूसरे किसी विपक्षी नेता के खिलाफ पोस्टर नहीं लगा। कुछ समय पहले बिहार में सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहा एक पुल गिर गया था। उसको लेकर पोस्टर में कहा गया कि सुल्तानगंज पुल बिहार को नीतीश का तोहफा है और अब वे राष्ट्रीय गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। उनको अस्थिर दिमाग वाला दावेदार भी बताया गया। सवाल है कि यह काम किसने किया? क्या भाजपा उनका खेल बिगाड़ना चाहती है या कांग्रेस के ही किसी नेता ने यह काम कर दिया ताकि वे नेता बनने की दावेदार नहीं कर सकें? जो हो नीतीश काफी निराश होकर बेंगलुरू से लौटे हैं।

NI Political Desk

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