कांग्रेस पार्टी ओडिशा में बड़ी राजनीति कर रही है। राहुल गांधी ने अपने चहेते नेता भक्त चरण दास को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वे दलित समुदाय से आते हैं और कुछ समय पहले बिहार के प्रभारी थी। राहुल ने ओडिशा उनके हवाले करके सारे संसाधन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है क्योंकि कांग्रेस को लग रहा है कि ओडिशा में वापसी का समय आ गया है।
चूंकि 24 साल तक शासन में रहने के बाद बीजू जनता दल हार कर सत्ता से बाहर हुई है और उसके नेता नवीन पटनायक की उम्र बहुत ज्यादा हो गई है। चुनाव में उनकी सेहत का मामला भी उठा था। तभी कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि 2029 के चुनाव में वे बीजद को बहुत मजबूत नेतृत्व देने की स्थिति में शायद नहीं रहें।
ओडिशा में कांग्रेस की सक्रिय रणनीति
तभी कांग्रेस ओडिशा में भाजपा से सीधा मुकाबला बनाने के लिए रात दिन एक किए हुए है। विधानसभा में मुख्य विपक्षी बीजद है लेकिन कांग्रेस के 14 विधायक उससे ज्यादा सक्रिय दिखते हैं। पिछले दिनों हंगामे की वजह से कांग्रेस के 12 विधायकों को निलंबित किया गया। पार्टी महिलाओं का मुद्दा लेकर सड़क पर उतरी है।
एक सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ पार्टी प्रदर्शन कर रही है। यह याद भी दिलाया जा रहा है कि 1999 में गैंगरेप की एक घटना के बाद ही कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना था और वह सत्ता से बाहर हुई थी। कांग्रेस की महिला विधायक सोफिया फिरदौस को महिलाओं के खिलाफ अपराधों को मुद्दा उठाने के लिए आगे किया गया है। कांग्रेस राज्य में बीजद की जगह लेना चाहती है।
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