Thursday

24-04-2025 Vol 19

हिंदी और हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल बढ़ा

पिछले कुछ समय से सरकारी कामकाज में हिंदी और हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल बढ़ गया है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आईपीसी, सीआरपीसी और इविडेंस एक्ट में बदलाव के लिए तीन विधेयक पेश किए तो तीनों विधेयकों का नाम हिंदी में रखा गया। दक्षिण भारत की पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं लेकिन सरकार हिंदी में बिल पास कराने पर अड़ी है। इसी तरह दक्षिण भारत से आने वाले एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण जैसे केंद्रीय मंत्री भी हिंदी में ही भाषण आदि दे रहे हैं।

इसी तरह हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया है। एक प्रतीक को लेकर दिल्ली में उप राज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद छिड़ा है। जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली की साज सज्जा के क्रम में कई सड़कों के किनारे शिवलिंग के आकार के फव्वारे लगाए गए हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह भगवान शिव का अपमान है। लेकिन सोशल मीडिया में इसे दूसरे रूप में देखा जा रहा है। कई लोग इसे ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग से जोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग को फव्वारा बनाया गया था। यह उसी की याद दिलाता है।

बहरहाल, जी-20 के लोगो में कमल का फूल शामिल करने पहले ही विवाद हो चुका है। ध्यान रहे कमल का फूल भाजपा का चुनाव चिन्ह है और उसे मां लक्ष्मी के आसन के रूप में भी देखा जाता है। पिछले दिनों भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने चंद्रयान-तीन को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कराया। जिस जगह पर चंद्रयान-तीन उतरा है उसका नाम शिव-शक्ति प्वाइंट रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले शनिवार को बेंगलुरू में इसरो के कमांड सेंटर में पहुंचे तो उन्होंने वही इस नामकरण की जानकारी दी।

NI Political Desk

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