केरल की तिरूवनंतपुरम सीट से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने सबसे पहले लेख लिख कर तो राज्य की कम्युनिस्ट सरकार की तारीफ की थी, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान से दूरी बढ़नी शुरू हुई। (shashi tharoor BJP)
लेकिन ऐसा लग रहा है कि वे धीरे धीरे भाजपा की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के एक जानकार नेता का कहना है कि वे समान रूप से भाजपा और सीपीएम दोनों को खुश रखने की कोशिश कर रहे हैं
साथ साथ ऐसा भी कुछ नहीं कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस आलाकमान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करे। यानी वे कांग्रेस नेतृत्व से अपनी नाराजगी तो दिखा रहे हैं लेकिन इतनी दूरी नहीं बना रहे हैं, जहां से वापसी संभव नहीं हो।
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शशि थरूर का असली कूटनीतिक रूप (shashi tharoor BJP)
यह शशि थरूर का असली कूटनीतिक रूप है। आखिर वे बरसों तक संयुक्त राष्ट्र संघ में रहे हैं, जहां उन्होंने दुनिया भर के देशों और वैश्विक नेताओं की कूटनीति देखी है।
तभी हैरानी हुई, जब उन्होंने माना कि भारत सरकार की यूक्रेन नीति को वे समझ नहीं पाए थे और उसकी आलोचना की थी। थरूर ने यह बात संसद में कही है। (shashi tharoor BJP)
उन्होंने अपनी गलती मानी है और कहा है कि केंद्र सरकार की यूक्रेन नीति सही थी क्योंकि उससे अब स्थायी शांति की उम्मीद बंधी है। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति पहल के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है।
बहरहाल, थरूर ने वहां निशाना लगाया है, जहां सबसे ज्यादा असर होता है। उन्होंने विदेश नीति पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है, जिससे वे निश्चित रूप से अपेक्षाकृत ज्यादा खुश हुए होंगे। (shashi tharoor BJP