भाजपा के कई नेता नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन उनसे ज्यादा सहयोगी पार्टियों की उम्मीद है। अगर भाजपा के सूत्रों की बात मानें तो भाजपा के जितने लोग सरकार में शामिल होंगे उससे ज्यादा सरकार से बाहर हो सकते हैं। इसलिए भाजपा नेताओं में ज्यादा उत्साह नहीं है। दूसरी ओर सहयोगी पार्टियां बहुत उत्साह मैं हैं। भाजपा की दो मौजूदा सहयोगी पार्टियां सरकार में शामिल होने को लेकर आश्वस्त हैं तो तीसरी संभावित सहयोगी पार्टी को भी उम्मीद है कि एक बार फिर सरकार में जगह मिल जाएगी।
ध्यान रहे अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में मंत्री थीं। लेकिन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पार्टी गठबंधन से बाहर हो गई थी। अब एक बार फिर अकाली दल के गठबंधन में वापस लौटने की चर्चा है। सो, हरसिमरत कौर फिर से मंत्री हो सकती हैं। भाजपा के पुराने सहयोगी रहे रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को सरकार में जगह मिल सकती है। हालांकि वे अपनी पार्टी के अकेले सांसद हैं लेकिन भाजपा का मानना है कि रामविलास पासवान का वोट उनके साथ है।
ध्यान रहे पासवान के भाई पशुपति पारस केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं। तभी चिराग भी चाहते हैं कि उनको कैबिनेट मंत्री बनाया जाए। भाजपा स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बना सकती है और लोकसभा में चार टिकटें दे सकती है। बहरहाल, उनके समर्थकों को उम्मीद है कि वे मंत्री बन सकते हैं। महाराष्ट्र में शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट से कम से कम एक सांसद को मंत्री बनने की मौका मिलेगा। लोकसभा में पार्टी के नेता बनाए गए राहुल शेवाले मंत्री बनने की उम्मीद कर रहे हैं। जेडीएस और टीडीपी भी एनडीए में शामिल होने वाले हैं लेकिन इनके नेताओं को अभी इंतजार करना होगा।