गुजरात के रहने वाले भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चीनूभाई चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। इधऱ भारत में पीठ थपथपाई जा रही है कि सीबीआई के अनुरोध पर बिल्कुल टाइमली दखल देने से मेहुस चोकसी गिरफ्तार हुआ है। लेकिन गिरफ्तारी से क्या होता है? गिरफ्तार तो मेहुल चोकसी का भांजा नीरव मोदी भी है।
उसने भी पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ की धोखाधड़ी की है और ग्राहकों को भी करोड़ों रुपए का चूना लगाया है और फरार हो गया। वह लंदन की जेल में बंद है लेकिन प्रत्यर्पण नहीं हो पा रहा है। कई साल बीत गए। तभी सवाल है कि क्या मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण हो पाएगा?
मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण: कई अड़चनों का सामना
खैर अभी गिरफ्तारी को ही बड़ी बात मान लिया जाए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक कार्यक्रम में जिनको ‘मेहुल भाई’ कहा था उनको गिरफ्तार करने एक बार भारत की एजेंसियां विशेष विमान लेकर कैरेबियाई द्वीप में गई थीं और खाली हाथ लौटी थीं। अब कम से कम गिरफ्तारी हो गई है और प्रत्यर्पण की कोशिशें शुरू हो गई हैं। लेकिन प्रत्यर्पण में बहुत अगर मगर है।
कहा जा रहा है कि अगर कैरेबियाई देश एंटीगा को तैयार कर लिया गया कि वह चोकसी की नागरिकता रद्द कर दे तो बेल्जियम में पत्नी के नाम पर मिला अस्थायी नागरिकता कार्ड भी रद्द हो जाएगा और फिर वह सिर्फ भारत का नागरिक रह जाएगा और तब उसका प्रत्यर्पण आसान हो जाएगा।
लेकिन इतने अगर मगर के बाद भी प्रत्यर्पण आसान नहीं है क्योंकि वहां की अदालत को तय करना है कि भारत की जेलों की स्थिति कैसी है, चोकसी के साथ कैसा कानून बरताव होगा और चोकसी क्या सचमुच कैंसर का मरीज है। इन सबके बाद ही प्रत्यर्पण का फैसला होगा।
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