इस बात का अंदाजा पहले से लगाया जा रहा था कि कांग्रेस और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में नजदीकी बढ़ रही है। अब इसके स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। पहले पार्टी के नंबर दो अभिषेक बनर्जी ने संकेत दिया था लेकिन अब स्वंय ममता बनर्जी ने ऐसा इशारा किया है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों पार्टियां साथ मिल कर चुनाव लड़ सकती हैं।
ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर मुस्लिम समाज के साथ नमाज में हिस्सा लिया और उन्होंने ‘राम और बाम’ दोनों पर एक साथ निशाना साधा। ममता बनर्जी ने भाजपा और सीपीएम को ‘राम और बाम’ कह कह संबोधित किया और कहा कि दोनों पार्टियां मिल गईं हैं लेकिन इन दोनों से निपटने में वे अकेले काफी हैं। उन्होंने भाजपा और सीपीएम के साथ कांग्रेस को निशाना नहीं बनाया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रति उनका रुख नरम हुआ है।
उन्होंने कहा है कि विदेशी जमीन पर मुख्यमंत्री का ऐसे विरोध करना और उनका अपमान करना ठीक नहीं है। यह पहला मौका है, जब अधीर रंजन ने ममता का समर्थन किया और लेफ्ट के किसी कदम की आलोचना की। इससे भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर अधीर रंजन इस सचाई को स्वीकार कर रहे हैं कि अगला चुनाव ममता बनर्जी के साथ लड़ना पड़ सकता है।
इससे पहले ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच दूरी का मुख्य कारण अधीर रंजन ही थे। तभी कांग्रेस ने उनकी जगह शुभंकर सरकार को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
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