अब कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की वजह से रूका है। शिव सेना ने पहले बिहार फॉर्मूले के आधार पर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। कई बार की बातचीत के बाद जब शिंदे पीछे हटे और कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह, जिसको भी मुख्यमंत्री बनाएंगे वे उन्हें स्वीकार करने को तैयार हैं तो दूसरा पेंच आ गया। अब कहा जा रहा है कि शिंदे गृह या वित्त मंत्रालय रखना चाहते हैं। उनकी पार्टी का कहना है कि शिंदे की सरकार में ये दोनों विभाग सहयोगी पार्टियों के पास थे। गृह विभाग भाजपा के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पास था और वित्त मंत्री एनसीपी के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के पास था। वित्त इस बार फिर अजित पवार के पास ही रहने वाला है इसलिए शिंदे गृह विभाग की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने संभावित विभागों की सूची केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सौंप दी और उसके बाद अपने गांव चले गए। सवाल है कि क्या शिंदे सचमुच अपना खेल कर रहे हैं या किसी और खेल में सहभागी बने हैं? ऐसा लग रहा है कि यह पूरी तरह से शिंदे का अपना खेल नहीं है। यह भाजपा का खेल लग रहा है। देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए जो प्रयास अंदर से चल रहे हैं यह उसका पार्ट लग रहा है। तभी फड़नवीस के नाम की घोषणा में इतना समय लग रहा है। तभी अचानक यह विचार होने लगा कि किसी मराठा को मुख्यमंत्री बनाया जाए या किसी पिछड़े नेता को मौका दिया जाए। सोचें, समूचे चुनाव में यह स्पष्ट था कि भाजपा जीती तो फड़नवीस मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन नतीजे आते ही तरह तरह के नामों पर चर्चा शुरू हो गई। भाजपा के इस अंदरूनी खेल में शिंदे भी अपना खेल साधना चाहते हैं।