Wednesday

09-04-2025 Vol 19

महाराष्ट्र, झारखंड में दो रेवडियों की परीक्षा

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी। इन दोनों राज्यों में तो दो गठबंधनों के बीच मुख्य मुकाबला होगा। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए, जिसको महायुति कहा जाता है उसकी सरकार को एंटी इन्कम्बैंसी का सामना करना है तो झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व वाली ‘इंडिया’ ब्लॉक के सामने एंटी इन्कम्बैंसी की चुनौती है। दोनों तरफ से कई मुद्दे उठाए जाएंगे। लेकिन सबसे ज्यादा दिलचस्पी उन दो योजनाओं को लेकर होगी, जिनके दम पर दोनों गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले जिस राज्य में भी इस योजना को आजमाया गया है, वहां कामयाबी मिली है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इसकी मिसाल हैं। अब महाराष्ट्र और झारखंड में इसकी परीक्षा है। यह योजना है महिलाओं को नकद पैसा देने की।

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सररकार ने ‘माझी लड़की बहिन योजना’ शुरू की है, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए नकद दिए जा रहे हैं। करीब एक करोड़ 90 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है और करीब डेढ़ करोड़ महिलाओं के आवेदन की जांच हो रही है। इसी तरह झारखंड सरकार ने ‘मइया सम्मान योजना’ शुरू की है। इसके तहत  राज्य सरकार ने हर महिला को एक हजार रुपए देने की घोषणा की और पैसे ट्रांसफर होने शुरू हो गए। लेकिन जब भाजपा ने ‘गोगो दीदी योजना’ का ऐलान किया और कहा कि उसकी सरकार बनी तो वह हर महिला को हर महीने 21 सौ रुपए देगी तो झारखंड सरकार में चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले सोमवार को कैबिनेट की बैठक में ‘मइया सम्मान योजना’ की राशि बढ़ा कर ढाई हजार रुपए करने का ऐलान किया। सो, महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों में महिलाओं को नकद पैसे देने का मामला चुनाव का मुख्य मुद्दा होने जा रही है। दिल्ली सरकार भी जल्दी ही महिलाओं को एक हजार रुपए महीना देना शुरू करने वाली है। दिल्ली में अगले साल फरवरी में चुनाव है।

बहरहाल, महिलाओं को नकद पैसे देने की योजना हर जगह सफल हुई है। इसका एक भी अपवाद नहीं है। जहां भी सरकार ने महिलाओं को नकद पैसे दिए या विपक्षी पार्टियों ने नकद पैसे देने का वादा किया वहां इसे कामयाबी मिली। मध्य प्रदेश मिसाल है, जहां शिवराज सिंह चौहान की तत्कालीन सरकार ने ‘लाड़ली बहना योजना’ शुरू की और वहां कांग्रेस की तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भाजपा के लिए विशाल बहुमत हासिल किया। इसी तरह छत्तीसगढ़ में तत्कालीन विपक्ष भाजपा ने ‘महतारी वंदन योजना’ का ऐलान किया और उसके लिए महिलाओं से फॉर्म भरवाने शुरू किए। वहां का भी नतीजा चौंकाने वाला था। कांग्रेस जीत को लेकर आश्वस्त थी लेकिन भाजपा ने बाजी मारी। उससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने ‘गृह लक्ष्मी योजना’ का ऐलान करके चुनाव लड़ा था और वहां उसने भाजपा को हरा कर सरकार बनाई थी। तभी माना जा रहा है कि दूसरे किसी भी समूह को नकद पैसे देने की बजाय महिलाओं के खाते में नकद पैसा डालने या पैसा डालने का वादा करना चुनावी रूप से ज्यादा कारगर साबित हो रहा है।

NI Political Desk

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