प्रयागराज के महाकुंभ में हुई भगदड़ में कितने लोग मरे थे इसे लेकर संदेह है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बताए गए नंबर्स पर किसी को यकीन नहीं है। यह अविश्वास इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने कई घंटों तक घटना को छिपाए रखा और 12 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भगदड़ की पुष्टि की। इसी तरह राज्य सरकार ने भगदड़ की दूसरी घटना को स्वीकार ही नहीं किया। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र के दौरान अचानक महाकुंभ पर बयान दिया। उन्होंने लोकसभा में 14 मिनट का भाषण दिया, जिसमें महाकुंभ की महत्ता और उसके भव्य आयोजन के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी। इसके बाद अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि महाकुंभ से एक हजार हिंदू श्रद्धालु लापता हुए हैं। उन्होंने इन लापता हिंदुओं पर सरकार से सवाल पूछा है। क्या सचमुच एक हजार लोग लापता हैं? अगर ऐसा है तो ये लोग कहां चले गए? क्या भगदड़ में सरकार के बताए आंकड़े से कई गुना ज्यादा मौतें हुई थीं? इतनी मौतें हुईं तो शव कहां चले गए? सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक हजार लोग लापता हैं तो उनके परिजन क्या कर रहे हैं? एक हजार की संख्या बहुत बड़ी होती है। अगर सचमुच इतने लोग लापता हैं तो विपक्षी पार्टियां इसे बहुत बड़ा मुद्दा बना सकती हैं लेकिन अभी तक किसी ने इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाया है।