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25-04-2025 Vol 19

राहुल कहे पर शाह क्यों चिढ़े?

जम्मू कश्मीर के दो दिन के दौरे के दूसरे दिन शनिवार, सात अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी सहयोगी पार्टियों के नेता जम्मू कश्मीर की जनता को मूर्ख बना रहे हैं। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा विपक्षी पार्टियां नहीं बहाल कर सकती हैं। राज्य का दर्जा बहाल करने का अधिकार केंद्र सरकार को है। इसके आगे उन्होंने कहा कि उचित समय पर केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री से इस बयान का क्या मतलब है? राज्य का दर्जा बहाल करने का अधिकार केंद्र सरकर है तो इसका मतलब है कि अगर राज्य में भाजपा विरोधी पार्टियां या उनका गठबंधन चुनाव जीत जाता है तो क्या राज्य का दर्जा बहाल नहीं होगा? अगर विपक्षी पार्टियां जीतती हैं तो जिस सही समय की बात उन्होंने कही है क्या वह उचित समय नहीं आएगा? उचित समय की क्या परिभाषा या सीमा है?

ध्यान रहे सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2023 को बड़ा स्पष्ट फैसला किया था। अदालत ने कहा था कि 30 सितंबर तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव कराए जाएं और उसका राज्य का दर्जा जल्दी से जल्दी बहाल किया जाए। सर्वोच्च अदालत ने जल्दी से जल्दी की बात इसलिए कही क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य का दर्ज बहाल करने के लिए निश्चित समय बताने में असमर्थता जताई थी। अब राज्य में चुनाव हो रहे हैं लेकिन उसमें भी सुप्रीम कोर्ट को बता दिया गया है कि सरकार और चुनाव आयोग उसके फैसले को नहीं मानते हैं। तभी प्रतीकात्मक रूप से राज्य में एक चरण का मतदान एक अक्टूबर को रखा गया और मतगणना की तारीख उससे आगे रखी गई। चूंकि 30 सितंबर से पहले चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई इसलिए किसी ने इस बारीकी की तरफ ध्यान नहीं दिया। तभी यह मानने का पर्याप्त कारण है कि अगर भाजपा चुनाव नहीं जीतती है तो पूर्ण राज्य की बहाली का फैसला कुछ और टले। यह भी संभव है कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिले। वह दिल्ली और पुड्डुचेरी की तरह विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश रहे। तभी उप राज्यपाल को अधिक अधिकार दिए गए हैं।

बहरहाल, अमित शाह से पहले राहुल गांधी जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने कहा कि वे मतलब विपक्षी गठबंधन जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने जा रहे हैं। उनकी इसी भाषा पर अमित शाह चिढ़े। लेकिन ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी को इस भाषा में बात करने का आत्मविश्वास हाल के घटनाक्रम से मिला है। इस बार लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक के बाद एक फैसले पर यू टर्न ले रही है। विपक्ष जो मांग कर रहा है उसे पूरा किया जा रहा है। तभी विपक्षी पार्टियों ने कहना शुरू कर दिया है कि सरकार उनके हिसाब से चल रही है। सोशल मीडिया में ‘सरकार तुम्हारा, सिस्टम हमारा’ के मीम्स बन रहे हैं। असल में विपक्षी पार्टियां भांप जा रही हैं कि किस मुद्दे पर सरकार के समर्थक भी उनका साथ देंगे और उस मसले को हाईलाइट करने लग जा रहे हैं। बाद में जब सरकार फैसले से पीछे हटती है कि विपक्ष उसका श्रेय ले रहा है। ऐसा ही कुछ विपक्षी पार्टियां जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे के बारे में भी महसूस कर रही हैं। तभी राहुल ने बड़े आत्मविश्वास से दावा किया और उस पर भड़क कर अमित शाह ने कह दिया कि तुम्हारे हाथ में कुछ नहीं है, फैसला केंद्र को करना है।

NI Political Desk

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