कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी को इतना बड़ा बहुमत मिला है, जितना पिछले कई चुनावों में किसी एक पार्टी को नहीं मिला। कई चुनावों से तो गठबंधन की ही सरकार बन रही थी लेकिन मई 2023 में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत से ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा काफी पीछे छूट गई। हालांकि बाद में भाजपा और जेडीएस में तालमेल हुआ तो दोनों को मिला कर 84 सीटें हैं और कांग्रेस को अकेले 138 सीट है। 224 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 का है।
यानी कांग्रेस 25 सीट आगे है और भाजपा गठबंधन 29 सीट पीछे है। फिर भी पहले दिन से सरकार की अस्थिरता का मामला चलता रहता है। इसके पीछे यह भी कहा जाता है कि उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ढाई साल के बाद मुख्यमंत्री बनने का प्रयास करेंगे और तब कांग्रेस में फूट हो सकती है।
कर्नाटक में सतीश जरकिहोली की कुमारस्वामी से मुलाकात ने बढ़ाई राजनीति की गर्मी
इस बीच एक नई राजनीति देखने को मिली है। डीके शिवकुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस के नेताओं में से एक सतीश जरकिहोली ने पिछले दिनों जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी से दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान एचडी देवगौड़ा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि सतीश जरकिहोली राज्य सरकार में मंत्री हैं और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के प्रति निष्ठावान माने जाते हैं। बेलगावी के जरकिहोली बंधु कांग्रेस और भाजपा दोनों से जुड़े हुए हैं और हर बात की सत्ता पलट में उनका हाथ होता है।
जरकिहोली बंधुओं का कुनबा पांच भाइयों का हैं और पांचों विधायक या विधान पार्षद हैं। बहरहाल, सतीश जरकिहोली की कुमारस्वामी से मुलाकात ने कर्नाटक की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है। अगले कुछ महीने राज्य की राजनीति के लिए बहुत अहम होंगे।
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