Thursday

24-04-2025 Vol 19

झारखंड में लालू ने समझी हकीकत

राजद प्रमुख लालू प्रसाद को हकीकत समझ में आ गई, तभी वे छह सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी हो गए। इससे पहले उनकी पार्टी ने आठ सीट की रट लगाई थी और कहा जा रहा था कि कम से कम सात सीट पर तो जरूर लड़ेंगे क्योंकि पिछली बार भी सात सीटों पर लड़े थे। हालांकि पिछली बार राजद सात सीटों पर लड़ कर सिर्फ एक सीट जीत पाई थी और वह भी भाजपा छोड़ कर राजद में शामिल हुए सत्यानंद भोक्ता की सीट थी, जो चतरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से जीते थे। बाकी राजद ने जहां जहां यादव उम्मीदवार खड़े किए थे सब हार गए, इसके बावजूद की पूरे राज्य में कांग्रेस, जेएमएम और राजद गठबंधन के पक्ष में हवा थी। तभी जेएमएम 30 और कांग्रेस 16 सीटों पर जीती।

बहरहाल, पिछली बार दूसरे नंबर पर रहने के आधार पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा आठ सीट की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि अगर बात नहीं मानी गई तो राजद 20 सीट पर लड़ेगा। तेजस्वी भी यही बात कह  रहे थे। लेकिन जब जेएमएम और कांग्रेस ने ध्यान नहीं दिया तो लालू प्रसाद ने कमान संभाली और छह सीटों पर राजी हुए। मुश्किल यह है कि इनमें से भी तीन सीटों पर उन्होंने यादव उम्मीदवार उतारे हैं। उनको पता है कि बिहार की तरह झारखंड में यादव उनका साथ नहीं देते हैं वैसे ही जैसे बिहार की तरह लव कुश का साथ झारखंड में नीतीश या भाजपा को नहीं मिलता है। लेकिन लालू प्रसाद को दिखाना होता है कि वे यादव के नेता हैं इसलिए वे ज्यादा यादव उम्मीदवार उतारते हैं ताकि कम से कम जाति के नाम पर उम्मीदवारों को वोट मिल जाए। गोड्डा से संजय यादव, कोडरमा से सुभाष यादव और हुसैनाबाद से संजय सिंह यादव को टिकट मिली है। सुभाष यादव को लालू प्रसाद पहले चतरा लोकसभा से भी चुनाव लड़ा चुके हैं। बालू के कारोबारी हैं और केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई भी उनके ऊपर चल रही है।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *