Thursday

10-04-2025 Vol 19

घाटी में भाजपा ने उम्मीद छोड़ दी

भारतीय जनता पार्टी क्या जम्मू कश्मीर में सिर्फ जम्मू क्षेत्र से चुनाव जीत कर सरकार बनाने के सपने देख रही है? इससे पहले जम्मू कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे तब भाजपा को 25 सीटें मिली थीं और सारी सीटें जम्मू क्षेत्र की थी। लेकिन उसके बाद 10 साल में भाजपा ने बड़ी मेहनत की। पहले तो वह मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ और फिर महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार में रही। उसके बाद पिछले छह साल से राष्ट्रपति शासन में एक तरह से भाजपा का ही राज चल रहा है। राज्य के विभाजन से लेकर परिसीमन और आरक्षण तक अनेक ऐसे काम हुए, जिनसे लगा कि भाजपा इस बार राज्य में चुनाव जीत कर अपनी सरकार बनाने के लिए लड़ेगी।

उसने कश्मीर घाटी की सभी 47 सीटों के लिए उम्मीदवार तैयार किए। लेकिन ऐसा लग रहा है कि उसने कश्मीर घाटी में चुनाव जीतने की उम्मीद छोड़ दी है। तभी पहले चरण में 18 सितंबर को जिन 16 सीटों पर मतदान होना है उनमें से सिर्फ आठ सीटों पर ही भाजपा मैदान में है। वह भी बहुत बेमन से पार्टी चुनाव लड़ रही है। भाजपा की ओर से जिन नेताओं को चुनाव की तैयारी के लिए कहा गया था वे निराश हो गए क्योंकि पार्टी ने लड़ने को नहीं कहा। सवाल है कि घाटी में 47 सीटों पर अगर भाजपा बेमन से लड़ती है तो जम्मू की 43 सीटों पर लड़ कर उसकी सरकार कैसे बनेगी? क्या भाजपा ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है और इसलिए उप राज्यपाल को पहले ही ज्यादा ताकत देकर परोक्ष रूप से सत्ता अपने हाथ में रखने का फैसला किया है या चुनाव बाद गठबंधन की उसकी कोई रणनीति है, जिसे अभी कोई देख नहीं पा रहा है?

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *