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25-04-2025 Vol 19

अनुच्छेद 370 पर उमर की राजनीति

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा के पहले सत्र में अपना दांव खेल दिया। उनकी पार्टी ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का पुराना विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने यानी अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव विधानसभा में पेश करके उसे पास करा दिया। इसे लेकर दो तरह की बातें कही जा रही हैं। कहा जा रहा है कि उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने पहले से तय कर रखा था कि विधानसभा के पहले सत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव लाना है। उनको पता है कि विधानसभा या राज्य सरकार इसे बहाल नहीं कर सकती है लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों की भावनाओं पर मल्हम लगाने के लिए यह प्रस्ताव लाने की योजना पहले से थी।

दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की ऐसी कोई योजना नहीं थी लेकिन जब विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में एक प्रस्ताव पेश कर दिया तब उमर अब्दुल्ला की पार्टी की मजबूरी हो गई है कि वह भी कोई प्रस्ताव लाए। ध्यान रहे पहले दिन जब पीडीपी ने प्रस्ताव पेश किया तो उमर अब्दुल्ला ने उस पर सवाल उठाया था और कहा था कि पीडीपी अगर ऐसे किसी प्रस्ताव पर गंभीर होती तो वह पहले दूसरी पार्टियों खास कर नेशनल कॉन्फ्रेंस से चर्चा करती। पीडीपी के प्रस्ताव को एक अगंभीर प्रस्ताव बता कर उन्होंने खारिज कर दिया लेकिन इसके बाद पार्टी को लगा कि इस प्रस्ताव के जरिए पीडीपी कश्मीरी मुद्दों के लिए ज्यादा प्रतिबद्ध पार्टी के तौर पर उभरी है। तभी अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव लाया गया और किसी मुस्लिम विधायक की बजाय जम्मू क्षेत्र से आने वाले उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी से प्रस्ताव पेश कराया।

NI Political Desk

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