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08-04-2025 Vol 19

पहली बार के विधायकों का सीएम बनना

delhi new CM :  नरेंद्र मोदी गुजरात का मुख्यमंत्री पहले बने थे और विधायक उसके बाद बने थे। उससे पहले वे कभी विधायक या सांसद नहीं रहे थे। इसी तरह वे पहली बार सांसद बने तो प्रधानमंत्री बने। तभी से वे इस प्रयोग को दोहरा रहे हैं।

पहली बार के विधायक हो सकता है पहले भी मुख्यमंत्री बने हों लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमान में भाजपा ने इसको सांस्थायिक रूप दिया है। (delhi new CM)

एक के बाद एक राज्यों में ऐसे नेता मुख्यमंत्री हो रहे हैं, जो पहली बार विधायक बने है। अनुभवी लोगों को और ऐसे लोगों को, जिनके बारे में आम धारणा हो कि ये सीएम हो सकते हैं, दरकिनार कर दिया जाता है।

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इसकी ताजा मिसाल हैं। वे पहली बार दिल्ली की शालीमार बाग सीट से विधायक बनीं है और उनको मुख्यमंत्री बना दिया गया है। इससे पहले वे पार्षद बनी थीं और दिल्ली की मेयर भी रही हैं। लेकिन विधानसभा का अनुभव नहीं है। उनके मुकाबले कई अनुभवी लोग दावेदार थे।

परवेश वर्मा ने तो अघोषित सीएम दावेदार के तौर पर चुनाव ही लड़ा था और आप के सुप्रीमो व मुख्यमंत्री पद के दावेदर अरविंद केजरीवाल को हराया है। (delhi new CM)

विजेंद्र गुप्ता ने जीत की हैट्रिक लगाई इस बार और वे तब भी जीते थे, जब दिल्ली में भाजपा के सिर्फ तीन विधायक जीते थे। छह बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट इस बार नई सीट से जीत कर आए हैं। पर सब देखते रह गए और रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री हो गईं।

यही कहानी राजस्थान में दोहराई गई (delhi new CM)

दो साल पहले यही कहानी राजस्थान में दोहराई गई थी, जहां एक से एक दिग्गज नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे लेकिन भाजपा ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया। वे पार्टी के पदाधिकारी रहे थे लेकिन कभी विधायक नहीं बन पाए थे।

उन्होंने 2003 का विधानसभा चुनाव राजस्थान सामाजिक न्याय मंच के टिकट से लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाए थे। वे 2023 के अंत में हुए चुनाव में पहली बार विधायक बने और उनको मुख्यमंत्री बना दिया गया। वसुंधरा राजे से लेकर राज्यवर्धन राठौड़ तक सब मुंह देखते रहे। (delhi new CM)

मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा में इसकी शुरुआत हरियाणा से हुई थी, जहां 2014 में पहली बार भाजपा जीती और सरकार बनाने का मौका मिला तो पहली बार के विधायक मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया गया। उस समय भी भाजपा में सीएम पद के अनेक दावेदार थे।

रामबिलास शर्मा, अनिल विज और कैप्टेन अभिमन्यु जैसे नेता सीएम बनने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन खट्टर सीएम बने और लगातार दूसरी बार भी बने। फिर पहली बार सांसद बने तो केंद्र में कई बड़े मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री बने हैं।

दूसरी पार्टियों में खासकर प्रादेशिक पार्टियों में ऐसा होता रहता था। प्रफुल्ल महंत से लेकर एनटी रामाराव और अरविंद केजरीवाल तक की मिसाल है। (delhi new CM)

जिन पार्टियों में परिवारवाद का आरोप लगता है उनमें भी होता रहा है, जैसे राजीव गांधी पहली बार के सांसद थे और प्रधानमंत्री बने। लेकिन भाजपा ने इस परंपरा को नरेंद्र मोदी और अमित शाह स्थापित कर रहे हैं।

NI Political Desk

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