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28-02-2025 Vol 19

वाईएस शर्मिला अकेले लड़ेंगी!

ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना में कांग्रेस और वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के बीच तालमेल का फैसला नहीं हो पा रहा है। चुनाव की घोषणा हो गई है। हालांकि वहां सबसे आखिर में यानी 30 नवंबर को वोटिंग होनी है इसलिए तालमेल वगैरह की बात करने के लिए अभी समय है। लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और वाईएस शर्मिला की पार्टी के बीच बात नहीं बनी है। हालांकि जब शर्मिला दिल्ली आई थीं तब सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात हुई थी और वह मुलाकात बेहद आत्मीय थी। सोनिया ने उनको गले लगाया था। ध्यान रहे एक समय गांधी परिवार और वाईएसआर रेड्डी का परिवार बहुत करीब रहा था। लेकिन वाईएसआर रेड्डी के निधन के बाद सब कुछ बदल गया।

बहरहाल, बताया जा रहा है कि वाईएसआर शर्मिला अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने को राजी नहीं हुई हैं। इसका कारण यह माना जा रहा है कि कांग्रेस ने उनको मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर पेश करके चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। पार्टी किसी को दावेदार बना कर नहीं लड़ना चाहती है। दूसरे, कांग्रेस नेताओं को यह भी भरोसा है कि रेड्डी समुदाय पूरी तरह से उसके साथ है। ध्यान रहे तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से पिछली बार कांग्रेस तीन सीटों पर जीती थी और जीतने वाले तीनों रेड्डी समुदाय के थे। पार्टी ने रेवंत रेड्डी को इसी वोट की वजह से प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। सो, कई नेता यह भी मान रहे थे कि शर्मिला कोई नया वोट नहीं जोड़ पाएंगी। लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। अगर वे कुछ नहीं जोड़ नहीं सकती हैं तो पार्टी के रेड्डी वोट में सेंध लगा सकती हैं।

NI Political Desk

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