केरल में भारतीय जनता पार्टी का लंबे समय तक चेहरा रहे ओ राजगोपाल ने पिछले दिनों कांग्रेस सांसद शशि थरूर की तारीफ की। हालांकि बाद में वे मुकर गए और दावा किया कि तिरुवनंतपुरम सीट भाजपा जीतेगी। असल में पिछले दो लोकसभा चुनावों से केरल की 20 में से तिरुवनंतपुरम एकमात्र सीट रही है, जिस पर भाजपा दूसरे नंबर पर रही है। पहले राजगोपाल हारे और दूसरी बार के राजशेखरन हारे। लेकिन दोनों बार भाजपा को 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार चुनावी साल की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण की यात्रा से की है, जिसमें वे केरल भी गए। भाजपा तीसरी बार में केरल की तिरुवनंतपुरम सीट जीतने की वास्तविक संभावना देख रही है। वह हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण और कुछ ईसाई वोट मिलने की उम्मीद कर रही है। तिरुवनंतपुरम के अलावा तीन और सीटें हैं, जहां भाजपा चुनाव जीतने के लिए लड़ने उतरेगी।
ऐसी एक सीट त्रिशूर की है, जहां भाजपा ने पिछली बार मलयाली फिल्मों के बड़े अभिनेता सुरेश गोपी को उतारा था। उनको 28 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार फिर भाजपा पूर्व राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी को चुनाव मैदान में उतारेगी। उनको चुनाव की तैयारियों के लिए कहा गया है। केरल में भाजपा की उम्मीदों की तीसरी सीट पतनमथिट्टा है, जहां भाजपा को 2014 में 29 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। मध्य केरल की इस सीट के तहत ही सबरीमाला मंदिर है, जिस पर भाजपा ने बड़ा आंदोलन किया था और उस आंदोलन की वजह से इस बार भाजपा को अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। चौथी सीट तिरुवनंतपुरम की अतिंगल सीट है, जहां से भाजपा की शोभा सुरेंद्रन ने पिछले चुनाव में 24 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किया था। इस बार भाजपा वहां भी अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद कर रही है।