केंद्र सरकार के बाद अब कर्नाटक की सरकार फैक्ट चेक यूनिट बनाने जा रही है। कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने फैक्ट चेक यूनिट बनाने की घोषणा की थी। हालांकि प्रेस सूचना ब्यूरो यानी पीआईबी के अंदर एक फैक्ट चेक यूनिट काम करती है। लेकिन सरकार ने इससे अलग एक यूनिट बनाने का फैसला किया है, जिसको लेकर कानूनी व राजनीतिक विवाद चल रहे हैं। पत्रकारों का एक बड़ा समूह इसका विरोध कर रहा है। असल में केंद्र सरकार ऐसे कानून बना रही है, जिनके तहत अगर फैक्ट चेक यूनिट कहती है कि कोई खबर फर्जी है तो सभी प्लेटफॉर्म्स को वह खबर हटानी पड़ेगी। स्वतंत्र विचारकों सहित सभी विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि यह मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास है।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक निर्देश सभी कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों को भेजा है कि अगर अखबार या किसी मीडिया में सरकार विरोधी खबर आती है तो वे उसकी छानबीन करें कि कहीं सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर या गलत तरीके से तो खबर नहीं छापी गई है। इसे भी मीडिया को भयभीत करने का प्रयास माना जा रहा है। लेकिन अब कर्नाटक की सरकार भी इसमें शामिल हो गई है। राज्य की कांग्रेस सरकार का आईटी विभाग फैक्ट चेक यूनिट बनाने जा रहा है। वहां इस बात की जांच होगी कि कौन सी खबर सही है और कौन सी खबर फर्जी है। जांच के बाद फर्जी खबर को हटाने का काम होगा।