nayaindia India Block meeting नतीजों से पहले इंडिया ब्लॉक की बैठक
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नतीजों से पहले इंडिया ब्लॉक की बैठक

ByNI Political,
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लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव नतीजों से पहले विपक्षी गठबंधन इंडियाकी बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई है। ममता बनर्जी को छोड़ कर बाकी सारे नेता शामिल भी होंगे। और वैसे भी ममता बनर्जी औपचारिक रूप से विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं हैं। उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश में जरूर अखिलेश यादव ने अपने कोटे से भदोही की एक सीट दी है लेकिन अपने असर वाले राज्यों में वे गठबंधन की सहयोगी पार्टियों के खिलाफ ही लड़ रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा आदि राज्यों में कोई तालमेल नहीं किया। जो पार्टियां औपचारिक रूप से गठबंधन का हिस्सा हैं वे खड़गे की बुलाई बैठक में शामिल होंगी। 

अब सवाल है कि ऐसी क्या हड़बड़ी हो गई कि खड़गे ने एक जून को सातवें और आखिरी चरण के मतदान के दिन ही विपक्ष की बैठक बुला ली? असल में यह एक मनोवैज्ञानिक दांव है, जो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ साथ आम आदमी पार्टी के साथ विचार विमर्श करके चला गया है। ध्यान रही आखिरी चरण में इन्हीं पार्टियों के असर वाले राज्यों में चुनाव होना है। ममता बनर्जी के राज्य में भी चुनाव है लेकिन वे विपक्षी गठबंधन के किसी दांव को अपने यहां इस्तेमाल करने में पहले से ही कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। लेकिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब की पार्टियों को लग रहा है कि आखिरी चरण के मतदान के दिन बैठक बुलाने का एक मैसेज मतदाताओं के बीच जाएगा। 

असल में विपक्षी पार्टियां यह मैसेज बनवाना चाहती हैं कि वे चुनाव जीत रही हैं। चुनाव प्रचार में तो यह बात कही ही जा रही है अब एक बैठक की घोषणा करके विपक्ष ने अपना दांव चला हैं। हालांकि मीडिया में इस खबर को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। ज्यादा महत्व इस बात को दिया गया कि ममता बनर्जी विपक्ष की बुलाई बैठक में शामिल नहीं होंगी। लेकिन सोशल मीडिया में इस खबर को ज्यादा ट्रैक्शनयानी तवज्जो मिली और चैटरभी मिला यानी इसे लेकर चर्चा भी बहुत हुई। वैसे भी सोशल मीडिया में विपक्षी गठबंधन और खास कर राहुल गांधी को ज्यादा तवज्जो मिल रही है। उनकी बातें ज्यादा शेयर की जा रही हैं।

बहरहाल, सातवें चरण के मतदान के दिन बैठक की खबर उन क्षेत्रों में खूब प्रसारित हुई है, जहां उस दिन चुनाव होने वाले हैं। विपक्षी पार्टियों ने इन राज्यों में यह मैसेज बनवाया है कि उनके गठबंधन को बहुमत मिल रहा है। इसलिए एक जून को बैठक बुलाई गई है ताकि चार जून के नतीजों के तुरंत बाद सरकार बनाने की पहल की जा सके। इसके ईर्द गिर्द यह चर्चा भी चल रही है कि भाजपा के नेता नतीजों के बाद कुछ खेला नहीं कर सकें या ऑपरेशन लोटस नहीं चला सकें इसलिए विपक्षी पार्टियां पहले से तैयारी कर रही हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन एक जून की बैठक में नेता भी तय कर सकते हैं यानी प्रधानमंत्री कौन बनेगा इसका भी फैसला हो सकता है। हालांकि नतीजे क्या होंगे यह अभी कोई नहीं कह सकता है लेकिन उससे पहले विपक्ष ने माइंड गेम के तहत यह दांव चला है।  

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