Thursday

24-04-2025 Vol 19

हरियाणा में भाजपा अकेले लड़ेगी!

ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी पिछले दो चुनावों की तरह अकेले ही लड़ने की तैयारी कर रही है। 2014 में भाजपा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद हरियाणा में पार्टी को अपनी नई ताकत का अहसास हुआ और वह 2014 व 2019 में अकेले लड़ी। हालांकि 2019 के चुनाव में उसे बहुमत से कुछ कम सीटें मिलीं, जिसकी वजह से उसे नई बनी जननायक जनता पार्टी का समर्थन लेना पड़ा। लेकिन इस बार भी लग रहा है कि भाजपा लगातार तीसरा चुनाव अकेले लड़ेगी। वह दुष्यंत चौटाला की पार्टी से तालमेल नहीं करेगी। चौटाला को भी इसका अंदाजा है तभी वे दबाव की राजनीति के तहत राजस्थान में चुनाव लड़ने पहुंचे हैं, जहां 75 फीसदी आरक्षण का अपना पुराना दांव चल रहे हैं।

असल में हरियाणा में भाजपा को गैर जाट राजनीति करनी है इसलिए वह दुष्यंत चौटाला के साथ मिल कर नहीं लड़ सकती है। ध्यान रहे राज्य में गैर जाट राजनीति करने वाली पार्टी भजनलाल की हरियाणा जनहित कांग्रेस थी, जिसका विलय कांग्रेस में हो गया था। बाद में भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई अपने परिवार के साथ भाजपा में चले गए। उनका बेटा भाजपा की टिकट से विधायक भी हो गया और खुद कुलदीप भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। सो, भाजपा को लग रहा है कि वह गैर जाट वोट एकजुट कर लेगी। इसलिए भी उसके नेता चाहते हैं कि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी अलग चुनाव लड़े ताकि वह भूपेंदर सिंह हुड्डा की वजह से कांग्रेस के साथ एकजुट हो रहे जाट वोट का बंटवारा करे। दुष्यंत के दादा ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल भी अलग लड़ सकती है। सो, जाट वोट के बंटवारे की राजनीति का लाभ भाजपा को मिल सकता है।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *