पिछले दो तीन दशक में दिल्ली के प्रवासियों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है और उसी अनुपात में दिल्ली में प्रवासी मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। पहले कांग्रेस प्रवासियों की पसंदीदा पार्टी मानी जाती थी और भाजपा को दिल्ली के पंजाबी और वैश्यों की पार्टी माना जाता था। परंतु अरविंद केजरीवाल ने सारा खेल बदल दिया। उन्होंने प्रतीकात्मक राजनीति की बजाय खुल कर प्रवासियों को टिकट दी और उनके झोली भर कर वोट मिला। भाजपा ने इस राजनीति को समझते हुए ही 2014 में भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया और बाद में प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष भी बनाया। मनोज तिवारी दो बार से चुनाव जीत रहे हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के भाजपा के सात सांसदों में से इकलौते सांसद हैं, जिनको फिर से टिकट मिली है। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन ने तीन प्रवासी उम्मीदवार उतार कर भाजपा के लिए मुश्किल पैदा की है।
कांग्रेस और आप ने इस बार लोकसभा चुनाव में तीन प्रवासी उम्मीदवार उतारे हैं और तीनों बिहार के रहने वाले हैं। तीनों की खास बात यह है कि ये प्रतीकात्मक राजनीति वाले चेहरे नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि पहले फिल्मों में काम करते थे या गाना गाते थे या क्रिकट खेलते और चुनाव लड़ने उतर गए। ये तीनों हार्डकोर पॉलिटिशियन हैं यानी 24 घंटे राजनीति में रमे रहने वाले हैं और प्रवासी मतदाताओं के बीच इनकी अपनी पहचान है। इनमें से एक महाबल मिश्र तो पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से प्रवासी राजनीति का चेहरा ही रहे हैं। दिल्ली में प्रवासियों के वे सबसे पुराने प्रतिनिधि हैं।
आम आदमी पार्टी ने महाबल मिश्र को पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया है। वे कांग्रेस से पार्षद रहे, फिर विधायक हुए और बाद में सांसद बने। उनके बेटे विनय मिश्र आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। महाबल मिश्र कांग्रेस छोड़ कर आप में गए और आप ने उनको पश्चिमी दिल्ली से चुनाव मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी के दूसरे प्रवासी उम्मीदवार सोमनाथ भारती हैं, जो मालवीय नगर से विधायक हैं। वे तीन बार से विधानसभा का चुनाव जीत रहे हैं और प्रवासियों के बीच अच्छे खासे लोकप्रिय हैं। वे अरविंद केजरीवाल की पहली सरकार में मंत्री भी रहे हैं। आप ने उनको नई दिल्ली से उम्मीदवार बनाया है, जहां उनका मुकाबला भाजपा की बासुंरी स्वराज से होगा। बांसुरी स्वराज दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी हैं।
दिल्ली में सीट बंटवारे के तहत कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं, जिनमें एक सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली की है, जहां से भाजपा के मनोज तिवारी सांसद हैं। वे बिहार के रहने वाले हैं और बेहद लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता व गायक हैं। इस सीट से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया का राहुल गांधी की पसंद माना जाता है। वे फायरब्रांड नेता हैं और उनमें युवाओं को अपने साथ जोड़ने की क्षमता है। बहरहाल, तीन प्रवासी उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस और आप ने बड़ा दांव चला है। दूसरी ओर भाजपा के सिर्फ एक प्रवासी हैं मनोज तिवारी। अगर प्रवासी वोट आप और कांग्रेस की ओर मुड़ा तो भाजपा अपने पुराने पंजाबी व वैश्य वोट के सहारे रहेगी और तब उसकी मुश्किल बढ़ सकती है।